केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने 12 दिसंबर 2025 को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए नोएडा से संचालित हो रहे एक अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध नेटवर्क को ध्वस्त किया है। यह नेटवर्क वर्ष 2022 से अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाकर करोड़ों डॉलर की ठगी कर रहा था। CBI के अनुसार, इस गिरोह ने अमेरिका के नागरिकों से करीब 8.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर की ठगी की। यह कार्रवाई अमेरिका की फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) से मिले ठोस इनपुट के आधार पर की गई।
CBI ने 10 और 11 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के नोएडा में एक अवैध कॉल सेंटर पर छापेमारी की, जिसे छह आरोपी संचालित कर रहे थे। छापों के दौरान एजेंसी ने 1.88 करोड़ रुपये नकद, 34 इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, जिनमें मोबाइल फोन, लैपटॉप, पेन ड्राइव, हार्ड डिस्क और साइबर अपराध से जुड़े कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए।
CBI ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, “केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI), अमेरिका की फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) से मिले इनपुट के आधार पर, 2022 से अमेरिकी नागरिकों को निशाना बना रहे एक परिष्कृत वर्चुअल एसेट समर्थित साइबर अपराध नेटवर्क को सफलतापूर्वक ध्वस्त किया है।”
जांच एजेंसी के अनुसार, 2022 से 2025 के बीच आरोपी खुद को अमेरिका की ड्रग एनफोर्समेंट एजेंसी (DEA), फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) और सोशल सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेशन (SSA) के अधिकारी बताकर पीड़ितों को डराते थे। CBI ने ठगी के तरीके को स्पष्ट करते हुए कहा, “आरोपी यह धमकी देते थे कि पीड़ितों के सोशल सिक्योरिटी नंबर (SSN) का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग और ड्रग डिलीवरी में हुआ है और उनकी सभी संपत्तियां फ्रीज कर दी जाएंगी। यह कहकर कि उनका पैसा खतरे में है, आरोपियों ने पीड़ितों को 8.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट और उनके नियंत्रण वाले विदेशी बैंक खातों में ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया।”
CBI ने बताया कि इस मामले में 9 दिसंबर 2025 को केस दर्ज किया गया और तुरंत जांच शुरू की गई। इसके बाद दिल्ली, नोएडा और कोलकाता में आरोपियों से जुड़े कई ठिकानों पर व्यापक तलाशी ली गई, जिसमें बड़ी मात्रा में सबूत हाथ लगे। छापेमारी के दौरान नोएडा में चल रहे अवैध कॉल सेंटर को मौके पर ही बंद कर दिया गया और छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
इस कार्रवाई की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराहना हुई है। 16 दिसंबर को भारत में अमेरिकी दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर CBI की कार्रवाई की प्रशंसा करते हुए इसे भारत-अमेरिका सहयोग का उत्कृष्ट उदाहरण बताया। अमेरिकी दूतावास ने लिखा, “#USIndia साझेदारी का एक शानदार उदाहरण! @FBI के साथ समन्वय में भारत की CBI ने एक अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध नेटवर्क को ध्वस्त किया, जिसने टेक-सपोर्ट घोटालों के जरिए अमेरिकी नागरिकों से 8.5 मिलियन डॉलर की ठगी की थी। @CBIHeadquarters ने इस नेटवर्क के पीछे के लोगों को गिरफ्तार किया और बड़ी मात्रा में अवैध धन बरामद किया। मजबूत कानून प्रवर्तन सहयोग के चलते हमारे दोनों देश अपने नागरिकों को सुरक्षित रखने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।”
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