उत्तर प्रदेश में जबरन धर्मांतरण से जुड़ा एक और बड़ा मामला सामने आया है। बलरामपुर और आगरा के बाद अब अलीगढ़ जिले में अवैध इस्लामिक धर्मांतरण गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। खुफिया एजेंसियों के अनुसार, इस रैकेट में 97 महिलाएं लापता हैं, जिन्हें फंसाकर जबरन धर्मांतरण कराने की आशंका है। मामला अत्यंत संवेदनशील होने के कारण राज्य सरकार ने विशेष पुलिस और खुफिया टीमों को जांच में लगा दिया है।
आगरा में उमर गौतम की गिरफ्तारी होने के बाद मामला गंभीर मोड़ पर पहुंचा है। पूछताछ में गौतम ने अलीगढ़ में भी अपने नेटवर्क की जानकारी दी और उसके पास से मिली ‘लिस्ट’ में अलीगढ़ की 33 महिलाओं के नाम भी शामिल थे। इन खुलासों के बाद अलीगढ़ पुलिस ने लापता 97 महिलाओं की फाइलों को नए सिरे से खोलकर जांच शुरू की है।
AK-47 के साथ लड़की की फोटो:
मार्च 2025 में अलीगढ़ के सदर थाना क्षेत्र से दो बहनें (33 और 18 वर्ष की) लापता हो गई थीं। मामला तब तूल पकड़ गया जब एक बहन की तस्वीर सोशल मीडिया पर सामने आई, जिसमें वह AK-47 लिए नजर आ रही थी। इस खुलासे ने जांच एजेंसियों को चौकन्ना कर दिया और पता चला कि दोनों बहनों को एक इस्लामी कट्टरपंथी नेटवर्क के जरिए जबरन धर्मांतरित कर कोलकाता के मुस्लिम-बहुल इलाके में छिपाकर रखा गया था।
सोशल मीडिया और डेटिंग ऐप से फंसाते थे महिलाएं:
पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि यह गिरोह सोशल मीडिया, डार्क वेब और डेटिंग ऐप्स के जरिए हिंदू लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाता था। पहले दोस्ती कर विश्वास जीतते, फिर प्यार और शादी का झांसा देकर उन्हें इस्लाम में धर्मांतरण के लिए ब्रेनवॉश किया जाता था। कुछ मामलों में महिलाएं बहला-फुसलाकर या मजबूरी में शादी और इस्लाम कुबूल करने को बाध्य की गईं। बताया जा रहा है की यह रैकेट प्रतिबंधित आतंकी संगठनों जैसे PFI, सिमी और लश्कर-ए-तैयबा से भी जुड़ा हुआ है। विदेशों से, खासकर कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन और दुबई से हवाला के जरिए फंडिंग की बात भी सामने आई है।
अरेस्ट किए गए आरोपी:
आगरा से गिरफ्तार किए गए प्रमुख आरोपियों में शामिल हैं, ओडिशा की एसबी कृष्णा उर्फ आयशा (जो फाइनैंस देखती थी), कोलकाता से अली हसन उर्फ शेखर राय (जो नेटवर्किंग संभालता था) और जयपुर का मोहम्मद अली। डीजीपी राजीव कृष्णा ने बताया कि इन लोगों ने अब तक देश के कई राज्यों में सैकड़ों हिंदू महिलाओं का जबरन धर्मांतरण कराया है। राजीव कृष्णा ने गिरोह के ऑपरेशन मॉडल की तुलना ISIS से करते हुए कहा कि ये लोग हवाला नेटवर्क, डार्क वेब और कट्टरपंथी संगठनों की मदद से देश में धार्मिक कट्टरता और जनसांख्यिकीय असंतुलन फैलाने की साजिश रच रहे थे।
जबरन धर्मांतरण पर कड़ी कार्रवाई करते हुए योगी आदित्यनाथ सरकार ने ‘मिशन अस्मिता’ नाम से विशेष अभियान शुरू किया है। इसके तहत आगरा पुलिस की सात विशेष टीमों ने कोलकाता, जम्मू-कश्मीर, गोवा, राजस्थान, दिल्ली और उत्तराखंड में छापेमारी कर 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक महिला भी शामिल है। मामला भारतीय न्याय संहिता और उत्तर प्रदेश अवैध धर्मांतरण निषेध अधिनियम, 2021 की कई धाराओं के अंतर्गत दर्ज किया गया है।
फिलहाल पुलिस हर एक लापता महिला की जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उन्हें कैसे फंसाया गया और वे कहां हैं। कई परिवारों ने अब सामने आकर अपनी बेटियों की तलाश के लिए गुहार लगाई है। यह मामला केवल अलीगढ़ या उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं है, बल्कि देशव्यापी धार्मिक कट्टरता फैलाने की एक बड़ी साजिश की ओर संकेत कर रहा है।
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