शनिवार (7 अगस्त) को त्रिपुरा के उत्तर पूर्वी हिस्से में स्थित धर्मानगर रेलवे स्टेशन के पास चार मुस्लिम बांग्लादेशी पकडे गए। पुलिस ने जोर देकर पूछने पर बांग्लादेशी मुस्लिमों ने अपना घुसपैठ कर बंगलुरु में बसने का इरादा बताया। राजकीय उठापटक और शेख हसीना के तख्ता पलट के बाद बांग्लादेश के हालात ख़राब होते जा रहें है। बांग्लादेश के आर्थिक हालात भी ख़राब है, ऐसे में बांग्लादेश में हिंदुओं का कत्लेआम करने वाले मुसलमान भारत में घुसपैठ कर रहें है।
बता दे, इस महीने बांग्लादेश के साथ भारतीय क्रिकेट टीम की सीरीज तय है। भारतीय क्रिकेट फैंस ने बगनलदेश क्रिकेट टीम का बॉयकॉट शुरू किया है। लोगों का कहना है की हिंदुओं का नृशंस हत्याकांड करने वाले बांग्लादेशी मुसलमानों का भारत में स्वागत नहीं होना चाहिए। दौरान त्रिपुरा और बांग्लादेश से सटें इलाकों से कई घुसपैठ की खबरें आरहीं है। बांग्लादेशी मुस्लिम भारत में घुसपैठ के बाद भारत के बड़े शहरों जैसे की मुंबई, पुणे, बंगलौर, चेन्नई, और पिछड़ी जगह जैसे झारखंड का संथाल भाग, निचला आसाम इन जगहों पर बसते है।
इस बार पकडे गए बांग्लादेशी मुसलमानों ने पुलिसिया लाठी की आवाज सुनते ही कबूला है की भारत के दलालों ने उन्हें भारत में घुसवाया, साथ ही उनकी धर्मानगर से बंगलूरु भेजने की तैयारी कर दी थी। वहां उनके लिए नकली दस्तावेज सहित कामकाज की व्यवस्था भी की गई है। जानकारी के मुताबिक इन दो महिला और दो पुरषों को पेट्रोल टीम ने गस्त के दौरान संशय के चलते पकड़ा था।
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आरोपियों की पहचान मोहम्मद हनीफ, यूसुफ अली, पारुल बेगम और जैस्मीन अख्तर के रूप में हुई। पूछताछ के दौरान, उन्होंने बांग्लादेशी नागरिक होने और अवैध रूप से सीमा पार करने की बात स्वीकार की। मीडिया के सामने यह घुसपैठीए बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल और रोजगार के अवसरों की कमी का हवाला देते हुए भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ करने के अपने फैसले को तर्कसंगत बनाने का भी प्रयास किया। यह घुसपैठिए बांग्लादेश के खुलना प्रान्त से है।