गढ़चिरौली पुलिस ने रविवार शाम करीब सात बजे अहेरी-भामरागढ़ तालुका की सीमा पर केदमारा वन क्षेत्र में मुठभेड़ में तीन कुख्यात नक्सलियों को मार गिराने में कामयाबी हासिल की|बताया गया है कि इसमें मारा गया परमिली दलम कमांडर बीटलू मडावी महाराष्ट्र दिवस पर बड़ा हमला करने की तैयारी कर रहा था।
कुख्यात ‘बीटल’ कई बार पुलिस विभाग से बच निकली थी। चार साल पहले महाराष्ट्र दिवस 2019 को, कुरखेड़ा तालुका में जंबुलखेड़ा के पास नक्सलियों द्वारा किए गए एक बारूदी सुरंग विस्फोट में 15 जवान शहीद हो गए थे। पुलिस सूत्रों के अनुसार रविवार को नक्सली उसी तर्ज पर बड़ी कार्रवाई करने के लिए केदमारा वन क्षेत्र में जमा हुए थे|इसका नेतृत्व कुख्यात नक्सली बिटलू मदावी, श्रीकांत और वासु कर रहे थे।
हालांकि गोपनीय सूचना के आधार पर सी 60 के जवानों ने उस इलाके में एक विशेष अभियान को अंजाम दिया और इन तीनों को मार गिराया| भामरागढ़ इलाके में पिछले दो साल से ‘भृंग’ का बड़ा खौफ था| उसी इलाके का रहने वाला होने के कारण वह इलाके को अच्छी तरह जानता था। उनके निडर और हिंसक रवैये के कारण, उन्हें जल्द ही परमिली दलम कमांडर का पद दिया गया। इसके बाद वह और आक्रामक हो गए।
उस पर आगजनी और हत्या जैसे कई मामले दर्ज हैं। उसने 9 मार्च को पुलिस में भर्ती मारधुर के साईनाथ नरोटे नाम के युवक की बेरहमी से हत्या कर दी थी| पिछले हफ्ते वह एटापल्ली आया था। इस दौरान उन्होंने कुछ इलाकों का निरीक्षण भी किया। इतना ही नहीं वह पुलिस पर भी नजर रखता था। वह दो दिन पहले अबूझमाड़ से लौटा था। वहां उसने कुछ वरिष्ठ नक्सलियों के साथ मिलकर एक बड़ी हिंसक योजना बनाई थी।
वे महाराष्ट्र दिवस पर बड़े हमले की तैयारी कर रहे थे। लेकिन पुलिस की समय पर कार्रवाई से नक्सलियों का मंसूबा फेल हो गया। मर्डिनटोला मुठभेड़ के बाद नक्सलियों के बीच एक नेतृत्व शून्य पैदा हो गया है। बिटलू जैसे कमांडर को खोना नक्सल आंदोलन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है|
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