मुंबई। गलत मानसिकता वाले लोग आपदा में भी अवसर खोज लेते हैं। कोरोना महामारी के चलते कई बच्चे अनाथ हो चुके हैं। मां-बाप दोनों इस महामारी की भेंट चढ़ गए। ऐसे बच्चों पर बदमाशों की नजर है। यह बात राज्य सरकार के ध्यान में आई है। प्रदेश सरकार के महिला व बाल विकास विभाग ने कहा है कि बच्चों को गैरकानूनी रूप से गोद लेना कानूनन अपराध है।
मंगलवार को महिला व बाल विकास विभाग ने कहा कि कोरोना की बीमारी के कारण दोनों अभिभावकों को खोने वाले बच्चों को गैर कानूनी रूप से दत्तक और बेचने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए फेसबुक, वाट्सएप, इंस्टाग्राम, ट्वीटर आदि सोशल मीडिया पर विभिन्न भावनात्मक पोस्ट किया जा रहा है। ऐसा माहौल तैयार किया जा रहा है कि बच्चे दत्तक के लिए उपलब्ध हैं। लेकिन इस प्रकार के बच्चों को दत्तक लेने और खरीदी व बिक्री करना कानून के अनुसार गंभीर अपराध है। ऐसा करने वालों के खिलाफ कानून के मुताबिक कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस नंबर पर करें सम्पर्क
ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए राज्य के महिला व बालविकास आयुक्ताल ने हेल्पलाइन नंबर 1098 जारी किया है। लोगों से इस पर संपर्क करने का आह्वान किया है। राज्य दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (सारा महाराष्ट्र) के नंबर 8329041531 पर जानकारी दी जा सकती है। राज्य में कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों की जानकारी मिलते ही दोनों नंबरों पर संपर्क स्थापित किया जा सकता है।
इसके साथ ही प्रत्येक जिले में महिला व बालविकास अधिकारी कार्यालय, जिला बाल सुरक्षा कक्ष, बाल कल्याण समिति और पुलिस तंत्र से तत्काल संपर्क करके ऐसे बच्चों को अपने कब्जे में लेने को कहा गया है। सरकार की ओर से ऐसे बच्चों का उचित देखभाल किया जाएगा। महिला व बालविकास विभाग ने कहा कि बच्चों के गोद लेने संबंधी कानूनी प्रक्रिया की जानकारी केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (कारा) की वेबसाइट www.cara.nic.in पर उपलब्ध है। गोद लेने के लिए इच्छुक अभिभावक इस वेबसाइट के जरिए आवेदन कर सकते हैं।