केरल की उच्च सुरक्षा वाली कन्नूर सेंट्रल जेल से शुक्रवार (25 जुलाई)सुबह कुख्यात अपराधी गोविंदाचामी के फरार होने की खबर ने राज्यभर में सनसनी फैला दी। गोविंदाचामी वही अपराधी है जिसे 2011 में शोरानूर-पैसेंजर ट्रेन में 23 वर्षीय सौम्या के साथ दुष्कर्म और हत्या के प्रयास का दोषी ठहराया गया था। जेल अधिकारियों को सुबह 5 बजे उसकी कोठरी खाली मिली, और लगभग दो घंटे बाद स्थानीय पुलिस को इसकी सूचना दी गई। फिलहाल कन्नूर पुलिस ने व्यापक तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।
जेल प्रशासन के मुताबिक, भागने के वक्त जेल में बिजली गुल थी और जांच के दौरान 25 फीट ऊंची दीवार पर कपड़े से बनी रस्सी लटकी हुई मिली। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि गोविंदाचामी केवल एक हाथ वाला व्यक्ति है, इसके बावजूद उसने बिजली की बाड़ और ऊंची दीवार को पार कर लिया। कन्नूर सेंट्रल जेल को अत्यंत सुरक्षित माना जाता है, जहां 68 कोठरियां हैं, फिर भी यह चौंकाने वाली चूक सामने आई है।
इस घटना पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं। पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने इसे साजिश बताया और कहा कि “गोविंदाचामी को जानबूझकर भगाने में सहायता की गई है। जेल का संचालन एक समिति करती है, जिसमें सीपीएम नेता पी. जयराजन भी शामिल हैं।” वहीं, सौम्या की मां ने भी सवाल उठाया कि “सीसीटीवी और उच्च सुरक्षा के बावजूद यह कैसे संभव हुआ? यह तभी हो सकता है जब उसे अंदर से मदद मिली हो।”
गोविंदाचामी पर पहले भी तमिलनाडु में आठ आपराधिक मामले दर्ज हो चुके हैं। सौम्या केस में 2012 में उसे मौत की सजा सुनाई गई थी जिसे हाईकोर्ट ने बरकरार रखा। हालांकि, 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने हत्या का आरोप हटाकर मौत की सजा को सात साल की कैद में बदल दिया, जबकि उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा।
अब राज्य पुलिस प्रमुख रेवाड़ा चंद्रशेखर और कन्नूर पुलिस इस मामले की गंभीरता से जांच कर रहे हैं। 2011 में उसे पकड़ने वाले पुलिस अफसर अशरफ ने कहा, “मुझे हमेशा आशंका थी कि यह आदतन अपराधी जेल से भाग सकता है।” फिलहाल, पूरे क्षेत्र में नाकेबंदी कर दी गई है और अपराधी को जल्द से जल्द पकड़ने की कोशिश जारी है।
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