गुजरात के वापी शहर में विशेष पॉक्सो अदालत ने नाबालिग लड़की के अपहरण, यौन शोषण और हत्या के मामले में 42 वर्षीय रजाक खान को दोषी पाते हुए मौत की सजा सुनाई। गुरुवार (4 दिसंबर) को न्यायमूर्ति एचएन वकील की पॉक्सो अदालत ने यह सजा सुनाई। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि पीड़ित परिवार को 17 लाख रुपये का मुआवज़ा दिया जाए। पुलिस ने दोषी की पहचान रजाक खान सुभान खान के रूप में की है और वह फिलहाल सूरत सेंट्रल जेल में बंद है।
दरअसल घटना 23 अक्टूबर 2023 की है, जब बच्ची सुबह करीब 11:15 बजे अपने दादा से मिलने के लिए घर से निकली थी। जब वह कई घंटों तक नहीं लौटी, तो उसकी माँ दादा के कार्यस्थल पर गई, जहाँ उसे पता चला कि बच्ची एक घंटे से भी पहले ही घर से निकल चुकी थी। चिंतित परिवार और पड़ोसियों ने उसकी तलाश शुरू की, लेकिन लड़की नहीं मिली। बाद में, उसकी माँ ने स्थानीय पुलिस स्टेशन में अपहरण की शिकायत दर्ज कराई।
इसके तुरंत बाद, वलसाड ज़िला पुलिस ने कई टीमें गठित कीं। इलाके के 250 से ज़्यादा निवासी देर रात तक चले इस तलाशी अभियान में शामिल हुए। बाद में, बच्ची का शव एक तालाब के पास झाड़ियों में छिपा हुआ मिला। उसकी पहचान उसकी माँ और दादा ने की। मेडिकल जांच के आधार पर पुलिस ने आईपीसी और पोक्सो की कठोर धाराओं के तहत अपहरण, बलात्कार और हत्या का मामला दर्ज किया।
•दो साल पहले वलसाड़ के एक छोटे से गाँव में एक दर्दनाक घटना हुई थी।
•साढ़े छह साल की मासूम बच्ची के साथ घिनौना अपराध करने वाले रज़ाक सुबान ख़ान को आज माननीय कोर्ट ने फांसी की सज़ा सुनाई है।
•यह अत्यंत ग़रीब परिवार है मज़दूरी करके अपना गुज़ारा चलाते थे।
•घटना के तुरंत बाद… pic.twitter.com/V7ibEr4tYw— Harsh Sanghavi (@sanghaviharsh) December 4, 2025
पुलिस ने आस-पास के इलाकों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले और एक व्यक्ति को पीड़िता के साथ घूमते हुए देखा। दो दिन की तलाशी के बाद, आरोपी रजाक खान को 26 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार कर लिया गया। उसे पूछताछ और मेडिकल जांच के लिए नौ दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा गया। आरोपी और पीड़िता दोनों के डीएनए नमूने सूरत स्थित फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी (FSL) भेजे गए।
सभी आवश्यक प्रक्रियाओं का पालन किया गया, साक्ष्य एकत्र किए गए, और जल्द ही विशेष पॉक्सो अदालत में आरोप पत्र प्रस्तुत कर दिया गया। बाद में, अभियोजन पक्ष की ओर से मुकदमे की कार्यवाही संभालने के लिए सुखदवाला को विशेष सरकारी वकील नियुक्त किया गया।
सूरत ज़िला सरकारी वकील अभियोजन पक्ष की भूमिका निभा रहें नयन सुखदवाला ने कहा कि आरोपी के ख़िलाफ़ सबूत बेहद मज़बूत हैं। उन्होंने बताया कि बच्ची के शरीर पर काटने के निशान साफ़ दिखाई दे रहे थे और उसने जो कपड़े पहने थे, उन्हीं से आरोपी ने उसका गला घोंट दिया था। उन्होंने आगे कहा कि सीसीटीवी फुटेज ने घटनाक्रम की पुष्टि करने में अहम भूमिका निभाई। फुटेज में दिखाया गया है कि आरोपी अपराध करने के बाद पास की एक चाय की दुकान पर चाय और सिगरेट पीने गया। सुखदवाला ने यह भी बताया कि आरोपी तीन बच्चों का पिता है और उसकी सबसे छोटी बेटी पीड़िता की उम्र की ही है।
अदालत ने यह भी कहा कि आरोपी अपराध से लगभग छह दिन पहले से ही पीड़िता को बिस्कुट और चॉकलेट का लालच देकर बहकाने की कोशिश कर रहा था। चिकित्सा साक्ष्य, गवाहों के बयान और अन्य परिस्थितिजन्य सबूतों ने अभियोजन पक्ष के मामले को मज़बूत बनाने में मदद की। यह एफआईआर 2023 में गुजरात के वलसाड जिले के डुंगारा पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी।
भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की कई धाराओं के तहत आरोप लगाए गए, जिनमें धारा 363 (अपहरण), धारा 302 (हत्या), धारा 376एबी (12 वर्ष से कम उम्र की नाबालिग के साथ बलात्कार) और धारा 377 शामिल हैं। इसके अलावा, बच्चों के साथ गंभीर यौन उत्पीड़न के लिए यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम, 2012 की धारा 4 और 6 को भी जोड़ा गया।
अधिकारियों ने बताया कि यह दूसरी बार है जब एक ही पॉक्सो अदालत ने नाबालिग लड़की से बलात्कार और हत्या के मामले में मौत की सज़ा सुनाई है। इससे पहले 2023 में एक और नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार और हत्या का मामला सामने आया था।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, बचाव पक्ष के वकील एचडी मोदी ने सज़ा को “बहुत कठोर” बताया और कहा कि अदालत ने बचाव पक्ष द्वारा उठाए गए कुछ प्रमुख बिंदुओं पर विचार नहीं किया। बचाव वकील मोदी ने कहा कि दोषी पूरी फ़ैसले की प्रति मिलने के बाद गुजरात उच्च न्यायालय में मौत की सज़ा को चुनौती देगा।



