झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले में सुरक्षा बलों को एक बड़ी सफलता मिली है। चाईबासा के सरंडा जंगल में हुई मुठभेड़ में पुलिस ने 10 लाख रुपये के इनामी माओवादी अमित हासदा उर्फ आप्तन को मार गिराया। अधिकारियों ने रविवार (7 सितंबर) को इसकी पुष्टि की। जानकारी के अनुसार, यह मुठभेड़ गोइलकेरा थाना क्षेत्र में हुई। पुलिस अधीक्षक पारस राणा ने बताया कि मौके से एक एसएलआर राइफल, विस्फोटक और अन्य हथियार बरामद किए गए हैं। मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों ने इलाके में अन्य माओवादी ठिकानों की तलाश के लिए व्यापक सर्च ऑपरेशन शुरू किया है। फिलहाल अभियान जारी है।
यह कार्रवाई ऐसे समय हुई है जब कुछ दिन पहले ही पालामू जिले में प्रतिबंधित संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति समिति (TSPC) के माओवादियों के साथ मुठभेड़ में दो पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे और एक अन्य गंभीर रूप से घायल हुआ था। वह घटना 3 सितंबर को मनातू थाना क्षेत्र के केदल जंगल में हुई थी। सुरक्षा बलों को खुफिया सूचना मिली थी कि टीएसपीसी का कुख्यात जोनल कमांडर शशिकांत गंजू, जिस पर भी 10 लाख का इनाम है, कर्मो त्योहार के दौरान अपने पैतृक गांव जा सकता है। इसी आधार पर सर्च ऑपरेशन चलाया गया था।
लेकिन गंजू और उसके साथियों ने अचानक पुलिस टीम पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी, जिससे दोनों ओर से भारी गोलीबारी हुई। इस मुठभेड़ में तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। उन्हें तत्काल डालटनगंज के मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल ले जाया गया, जहां संतन कुमार और सुनील राम इन दो जवानों को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। इनमें से एक पलामू के एएसपी का अंगरक्षक था।
ताजा कार्रवाई में चाईबासा पुलिस की सफलता को सुरक्षा एजेंसियां बड़ी उपलब्धि मान रही हैं, क्योंकि सरंडा जंगल लंबे समय से माओवादियों का गढ़ रहा है। अधिकारी मानते हैं कि इन अभियानों से माओवादियों की गतिविधियों पर गहरा असर पड़ेगा।
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