महाराष्ट्र के लातूर जिले में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां कर्ज में डूबे एक व्यक्ति ने इंश्योरेंस की रकम हासिल करने के लिए अपनी ही मौत का नाटक रचने की कोशिश की। पुलिस ने इस मामले में आरोपी गणेश गोपीनाथ चव्हाण नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिस पर एक राहगीर की हत्या कर कार में आग लगाने का आरोप भी लगा है।
पुलिस के अनुसार, आरोपी गणेश चव्हाण भारी कर्ज के दबाव में था। उसने मुंबई में एक फ्लैट खरीदने के लिए करीब 57 लाख रुपये का लोन लिया था और वहीं पत्नी व बच्चों के साथ रह रहा था। वह एक निजी फाइनेंस कंपनी में नौकरी करता था, लेकिन उसकी आय मासिक EMI और घरेलू खर्चों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं थी। समय के साथ आर्थिक दबाव बढ़ता गया और वह लगातार किस्तें चुकाने में असफल रहा। घर खोने का खतरा उसके और उसके परिवार पर मंडराने लगा।
लातूर के पुलिस अधीक्षक अमोल तांबे के मुताबिक, आर्थिक तंगी के चलते आरोपी मानसिक तनाव में था और उसने पहले आत्महत्या का प्रयास भी किया था। बाद में पिता की सलाह पर वह अपने परिवार को लेकर औसा स्थित अपने पैतृक गांव चला गया। हालांकि, इससे भी उसकी समस्याएं खत्म नहीं हुईं, क्योंकि मुंबई के फ्लैट का लोन बकाया रहा और उस पर ब्याज बढ़ता चला गया।
इसी दौरान, आरोपी ने अपने नाम से 1 करोड़ रुपये की टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी ले रखी थी। पुलिस का कहना है कि 13 दिसंबर की रात वह अपनी कार और लैपटॉप लेकर घर से निकला। जांच में सामने आया है कि उसने बीमा राशि पाने के लिए पहले से पूरी साजिश रच रखी थी, ताकि उसके परिवार को कर्ज से राहत मिल सके। इसी रात करीब 50 वर्षीय गोविंद यादव नामक व्यक्ति ने उससे लिफ्ट मांगी और किला इलाके में छोड़ने को कहा। पुलिस के अनुसार, यादव नशे की हालत में था। आरोपी ने उसे खाना खिलाया, जिसके बाद वह कार की पिछली सीट पर सो गया। इसी स्थिति का फायदा उठाकर चव्हाण ने अपनी योजना को अंजाम देने का फैसला किया।
पुलिस के मुताबिक, आरोपी कार को एक सुनसान सड़क पर ले गया, वहां यादव को ड्राइवर सीट पर बैठाया और सीट बेल्ट लगा दी। इसके बाद सभी दरवाजे लॉक कर कार में आग लगा दी और मौके से फरार हो गया। मकसद यह दिखाना था कि कार में जला हुआ शव उसी का है, ताकि बीमा क्लेम किया जा सके।
बाद में पुलिस को जलती हुई कार की सूचना मिली। मौके पर पहुंचकर अधिकारियों ने कार के अंदर एक शव बरामद किया और जांच शुरू की। जांच के दौरान सबूतों में कई विसंगतियां सामने आईं, जिससे पुलिस को संदेह हुआ। गहन पड़ताल के बाद पूरी साजिश का खुलासा हुआ और गणेश चव्हाण की पहचान आरोपी के रूप में की गई। पुलिस अधीक्षक अमोल तांबे ने बताया कि आरोपी को हिरासत में ले लिया गया है और मामले में आगे की जांच जारी है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि बीमा प्रक्रिया से जुड़े किसी अन्य व्यक्ति की इसमें कोई भूमिका तो नहीं थी।
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