महाराष्ट्र पुलिस की एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) ने बेंगलुरु शहर के बाहरी इलाकों में चल रही तीन मादक पदार्थ निर्माण फैक्टरी का पर्दाफाश कर दिया है। इस कार्रवाई में भारी मात्रा में मेफेड्रोन (MD) जब्त किया गया, जिसकी अनुमानित कीमत ₹55.88 करोड़ से अधिक बताई जा रही है। इस पूरे घटनाक्रम ने कर्नाटक सरकार और पुलिस महकमे को असहज स्थिति में डाल दिया है, जिसके बाद ड्यूटी में लापरवाही के आरोप में तीन पुलिस इंस्पेक्टरों को निलंबित कर दिया गया।
निलंबित किए गए अधिकारियों में अवलाहल्ली थाना के इंस्पेक्टर रामकृष्ण रेड्डी, कोथनूर थाना के इंस्पेक्टर चेतन कुमार और बागलूर थाना के इंस्पेक्टर शबरिश शामिल हैं। तीनों पर अपने-अपने क्षेत्र में अवैध गतिविधियों पर समय रहते कार्रवाई न करने और कर्तव्य में गंभीर लापरवाही बरतने के आरोप लगाए गए हैं।
यह पहली बार नहीं है जब महाराष्ट्र पुलिस ने कर्नाटक में ड्रग मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स का खुलासा किया हो। जुलाई 2025 में भी महाराष्ट्र नारकोटिक्स यूनिट ने मैसूरु में एक बड़े ड्रग कारखाने का भंडाफोड़ किया था, जहां से 192 किलोग्राम मेफेड्रोन बरामद हुआ था, जिसकी कीमत ₹390 करोड़ से अधिक आंकी गई थी। उस मामले में भी चार स्थानीय पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया गया था।
ताजा कार्रवाई के तहत, महाराष्ट्र पुलिस ने पिछले शुक्रवार को बेंगलुरु के बाहरी क्षेत्रों में तीन स्थानों पर छापे मारे। इन छापों में ठोस और तरल दोनों रूपों में मेफेड्रोन बरामद किया गया। इस कार्रवाई के बाद कर्नाटक सरकार पर सवाल उठने लगे। शुरुआती प्रतिक्रिया में राज्य के गृह मंत्री डॉ. जी. परमेश्वर ने कहा कि इस ऑपरेशन में कर्नाटक पुलिस भी शामिल थी। उन्होंने यह भी दावा किया कि ये निर्माण इकाइयां नहीं बल्कि केवल गोदाम थे और जब्त सामग्री की कीमत करीब ₹1.5 करोड़ है, न कि ₹55.88 करोड़।
हालांकि, जैसे-जैसे मामले पर दबाव बढ़ा, पुलिस प्रशासन ने जांच कर जिम्मेदारी तय की और तीनों इंस्पेक्टरों को सस्पेंड कर दिया गया।
यह पूरा मामला महाराष्ट्र एएनटीएफ द्वारा मुंबई की ड्रग सप्लाई चेन पर चलाए जा रहे व्यापक अभियान का हिस्सा है। 21 दिसंबर को एएनटीएफ ने मुंबई निवासी अब्दुल खादिर शेख को गिरफ्तार किया था, जिसके पास से ₹1.5 करोड़ से अधिक मूल्य का 1.5 किलोग्राम मादक पदार्थ बरामद हुआ था। शेख से मिली जानकारी के आधार पर बेलगावी के प्रशांत यल्लप्पा पाटिल को हिरासत में लिया गया, जिसने बेंगलुरु में चल रही ड्रग निर्माण इकाइयों का खुलासा किया।
इसी सूचना पर महाराष्ट्र ANTF ने तीन ठिकानों पर छापेमारी की और भारी मात्रा में मेफेड्रोन जब्त किया। इसके साथ ही राजस्थान से इस रैकेट के कथित सरगना सूरज रमेश यादव और उसके सहयोगी मलकान रामलाल बिश्नोई को भी गिरफ्तार किया गया है।
फिलहाल, मामले की जांच जारी है और दोनों राज्यों की पुलिस एजेंसियां नेटवर्क के अन्य सदस्यों और ड्रग सप्लाई के पूरे तंत्र की कड़ियों को खंगालने में जुटी हैं।
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