रेलवे ने लोकल और मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों में केवल आपातकालीन उद्देश्य के उपयोग के लिए अलार्म चेन पुलिंग (एसीपी) विकल्प प्रदान किया है। हाल ही मे यह देखा गया है कि यात्री देर से पहुंचने, मध्यवर्ती स्टेशनों पर उतरने/चढ़ने आदि जैसे सामान्य कारणों के लिए भी अलार्म चेन पुलिंग (एसीपी) का सहारा ले रहे हैं।
ट्रेन में अलार्म चेन पुलिंग (एसीपी) का कार्य न केवल उस विशेष ट्रेन के चलने को प्रभावित करता है बल्कि पीछे चलने वाली ट्रेनों पर भी व्यापक प्रभाव डालता है। मुंबई मंडल जैसी उपनगरीय प्रणाली में, इसके परिणामस्वरूप मेल/एक्सप्रेस और उपनगरीय ट्रेनें देरी से चलती हैं, जिससे इसकी समयपालन बाधित होती है।
इसके अलावा एक या कुछ यात्रियों की सुविधा के लिए अलार्म चेन पुलिंग (एसीपी) का दुरुपयोग अन्य सभी यात्रियों की असुविधा का कारण बनता है। मध्य रेल मुंबई मंडल इस तरह की अनुचित अलार्म चेन पुलिंग (एसीपी) घटनाओं पर कड़ी नजर बनाए हुए है। वर्ष के दौरान 1 अप्रैल 2022 से 26 अक्टूबर 2022 तक मध्य रेल मुंबई मंडल ने अनुचित अलार्म चेन पुलिंग (एसीपी) मामलों के 1,706 मामले दर्ज किए। इनमें से करीब 1,169 यात्रियों पर 5.85 लाख रुपये का जुर्माना वसूल किया गया है।
मध्य रेल ने यात्रियों से की अपील: अनावश्यक / सामान्य कारणों से अलार्म चेन पुलिंग (एसीपी) का सहारा नहीं लेना जिससे दूसरों को असुविधा होती है। अनावश्यक परिस्थितियों में अलार्म चेन पुलिंग (एसीपी) का सहारा लेना रेलवे अधिनियम की धारा 141 के तहत दंडनीय अपराध है। यात्रियों को यह भी सलाह दी जाती है कि वे किसी भी असुविधा से बचने के लिए आपकी ट्रेन के प्रस्थान से कम से कम 30 मिनट पहले टर्मिनस/स्टेशन पर पहुंच जाएं।
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