मराठी कंटेंट क्रिएटर राजश्री मोरे ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) नेता जावेद शेख के बेटे राहिल शेख पर न सिर्फ शराब पीकर गाड़ी चलाने, बल्कि पुलिस थाने में बदसलूकी और धमकी देने का आरोप लगाया है। राजश्री के अनुसार, आरोपी राहिल ने न सिर्फ लोगों की जान जोखिम में डाली, बल्कि पुलिस स्टेशन में बैठकर अपमानजनक व्यवहार किया करते हुए कहा, “मेरा बाप आएगा ना, ये पूरा पुलिस स्टेशन खरीद लेगा।”
घटना रविवार (6 जुलाई) रात मुंबई के अंधेरी इलाके की है। राजश्री ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जिसमें राहिल शेख को अर्धनग्न स्थिति में गाली-गलौज और धमकी देते हुए देखा जा सकता है। वीडियो में वह बार-बार कहता है कि “मेरा बाप सब ठीक कर देगा।” राजश्री ने NDTV को बताया कि जब राहिल को पुलिस स्टेशन लाया गया, तो भी उसके रवैये में कोई पछतावा नहीं था। “उसने पुलिस की टेबल पर अपने पैर रख दिए और कहा, “मेरा बाप आएगा ना, ये पूरा पुलिस स्टेशन खरीद लेगा।” राजश्री ने आरोप लगाया।
राजश्री ने यह भी दावा किया कि थोड़ी देर बाद राहिल के माता-पिता थाने पहुंचे और FIR न दर्ज करने की विनती की। “उसकी मां ने कहा कि राहिल दिन में बहुत अच्छा और सभ्य लड़का है। उन्होंने कहा कि FIR से उसका करियर बर्बाद हो जाएगा। लेकिन मैंने उनसे पूछा — जो तीन लोगों को उसने अपनी गाड़ी से कुचलने की कोशिश की, उनके करियर का क्या?”
वीडियो सामने आने के बाद ठाणे मनसे के अध्यक्ष अविनाश जाधव ने एक पत्र जारी कर कहा कि जावेद शेख हमारी पार्टी के पदाधिकारी हैं। उनके बेटे द्वारा किए गए कृत्य से हमारी पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है। हमारी पार्टी उस कृत्य का समर्थन नहीं करती है। अविनाश जाधव ने पुलिस से अनुरोध किया है कि संबंधित पुलिस और एजेंसी उसके खिलाफ उचित कार्रवाई करें; ये विनती है।
राजश्री की शिकायत पर मुंबई पुलिस ने राहिल शेख के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की निम्नलिखित धाराओं में मामला दर्ज किया:
राजश्री मोरे की शिकायत के आधार पर पुलिस ने राहिल शेख के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 79, 281 और 125 के अंतर्गत मामला दर्ज किया है, साथ ही मोटर वाहन अधिनियम की धारा 185 भी लगाई गई है। धारा 79 उन शब्दों, इशारों या कृत्यों पर लागू होती है जो किसी महिला की मर्यादा को ठेस पहुँचाने के उद्देश्य से किए गए हों। धारा 281 सार्वजनिक स्थानों पर लापरवाही से वाहन चलाने से संबंधित है, जिससे दूसरों को खतरा हो सकता है।
धारा 125 उन कार्यों पर लागू होती है जो किसी व्यक्ति के जीवन या उसकी व्यक्तिगत सुरक्षा को गंभीर रूप से खतरे में डालते हैं। वहीं, मोटर वाहन अधिनियम की धारा 185 शराब या नशे की हालत में वाहन चलाने से जुड़ी है, जिसे एक दंडनीय अपराध माना जाता है। इन सभी धाराओं को मिलाकर देखा जाए तो आरोपी पर गंभीर और समाज के लिए खतरनाक व्यवहार का आरोप है, जिसकी जांच और कानूनी कार्रवाई आगे जारी है।
मामले को लेकर शिवसेना के नेता संजय निरुपम ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर मनसे नेता के बेटे द्वारा राजश्री मोरे के साथ बदसलूकी करने का वीडियो रिपोस्ट किया। उन्होंने कहा कि मराठी मुलगी राजश्री मोरे को मनसे नेता के बेटे राहिल शेख ने गाली दी। वे केवल हिंदुओं को ही क्यों पीट रहे हैं? क्या उनमें भिंडी बाजार जाने की हिम्मत है?
यह मामला उस समय और गंभीर बन जाता है जब एक राजनीतिक नेता का बेटा खुलेआम कानून की अवहेलना करता है और पुलिस स्टेशन में भी अधिकारियों को धमकाता है। सोशल मीडिया पर लोग पुलिस की भूमिका और राजनीतिक हस्तक्षेप पर सवाल उठा रहे हैं।
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