दरअसल, पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ लोग एक लाख रुपए के असली नोट लेकर तीन लाख रुपए के असली जैसे दिखने वाले नकली नोट देने वाले हैं। सूचना मिलने के बाद क्राइम ब्रांच यूनिट-6 ने योजना बनाकर जाल बिछाया और मौके पर पहुंचे चारों आरोपियों को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
छापेमारी के दौरान पुलिस ने 100 रुपए के 200 नकली नोट बरामद किए। इन नोटों पर ‘भारतीय बच्चों का बैंक’ लिखा है। इसके अलावा, एक वैगनआर कार, छह मोबाइल फोन और नकद रुपए समेत कुल 6,35,725 रुपए का माल जब्त किया।
जांच के दौरान यह सामने आया कि इन आरोपियों के खिलाफ मुंबई के बीकेसी, दिंडोशी, पनवेल और रायगढ़ पुलिस थानों में पहले से ही ठगी, धोखाधड़ी और गंभीर अपराधों के कई मामले दर्ज हैं।
गिरफ्तारी के बाद चारों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां अदालत ने उन्हें 18 अगस्त तक पुलिस कस्टडी में भेजने का आदेश दिया। पुलिस मामले की आगे की जांच कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि गिरोह के अन्य सदस्य और इस ठगी के नेटवर्क में कौन-कौन शामिल हैं।
इससे पहले, महाराष्ट्र के अहिल्यानगर नगर पुलिस ने 1 अगस्त को बड़ी कार्रवाई करते हुए नकली नोटों की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया था। इस दौरान पुलिस ने 60 लाख रुपए के नकली नोट जब्त करते हुए 7 लोगों को हिरासत में लिया था।
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