मुंबई। जनवरी से जुलाई के दरमियान 7 महीनों के भीतर मुंबई में बलात्कार की वारदात में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। मुंबई पुलिस के पास दर्ज आंकड़ों के मुताबिक इन 7 महीनों में अकेले इस महानगर समेत उसके उपनारीय क्षेत्रों में बलात्कार के 550 मामले हुए हैं, जबकि करीब 1100 मामले शीलभंग के हैं। इससे महाराष्ट्र की ठाकरे सरकार प्रदेश की इस राजधानी तथा देश की वित्तीय-वाणिज्यिक राजधानी में महिलाओं की सुरक्षा के प्रति कितनी गंभीर है ? यह आसानी से समझ में आता है।
मुंबई की घटना सबसे बर्बर
फिलहाल, राज्य भर के विविध ठिकानों से रोजाना सामने आ रही दुष्कर्म की वारदात से समूचे देश में हाहाकार मचा हुआ है। इन सभी घटनाओं में मुंबई में हुई वारदात इतनी बर्बर है कि राष्ट्रीय महिला आयोग को अपना दस्ता यहां भेजना पड़ा।
बीते साल से बढ़े मामले
इन सबके बीच समक्ष आए मुंबई पुलिस के आंकड़े बेहद शर्मनाक हैं। वर्ष 2021 में जनवरी से लेकर जुलाई तक महज 7 माह के भीतर घटी रेप की 550 घटनाएं बीते साल के मुकाबले बहुत ज्यादा हैं, क्योकि तब यानी 2020 की पहली सप्तमासी में मुंबई में रेप के 377 मामले दर्ज हुए थे, जिनमें से 299 वारदात के अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
शीलभंग के 1100 मामले
मुंबई में छेड़छाड़-शीलभंग के मामलों में भी तेजी से इजाफा हुआ है। 2020 में इस सिलसिले में पहले 7 महीनों के भीतर मुंबई में 985 मामले दर्ज हुए थे, जबकि इस साल यह आंकड़ा 1100 तक पहुँच गया है। इससे मुंबई में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवालिया निशान लग गया है। चारों तरफ लोगों में राज्य सरकार की निरंकुशता के खिलाफ भारी आक्रोश व्याप्त है।