पुणे पुलिस ने ‘ऑपरेशन अलख निरंजन’ के तहत एक बड़े और संगठित अंतरराज्यीय व अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ तस्करी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। इस विशेष अभियान के दौरान पुणे, पिंपरी-चिंचवड़, मुंबई और गोवा में एक साथ की गई छापेमारी में करीब ₹3.45 करोड़ मूल्य के नशीले पदार्थ और संबंधित सामग्री जब्त की गई, जबकि पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान स्वराज अनंत भोसले (28, निवासी मुंबई), तुषार चेतन वर्मा (21, निवासी सुसगांव, पुणे), सुमित संतोष डेडवाल (25, निवासी ओल्ड सांगवी, पुणे), अक्षय सुखलाल मेहेर (25, निवासी छत्रपति संभाजीनगर) और मलय राजेश डेलिवाला (28, निवासी मुंबई) के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, यह नेटवर्क उच्च गुणवत्ता वाले सिंथेटिक और हाइड्रोपोनिक नशीले पदार्थों की तस्करी में सक्रिय था।
इस मामले की जांच की शुरुआत खड़की पुलिस स्टेशन में दर्ज एक प्रकरण से हुई थी। अपराध की गंभीरता और विशेष रूप से छात्रों व युवाओं तक इसकी पहुंच को देखते हुए विस्तृत जांच शुरू की गई। पुलिस गश्त के दौरान तुषार चेतन वर्मा को हिरासत में लिया गया, जिसके बाद खड़की थाने में मामला दर्ज किया गया। आगे की जांच में सामने आया कि वह सुमित डेडवाल और अक्षय मेहेर से नशीले पदार्थ हासिल कर रहा था।
पुलिस पूछताछ और डीसीपी सोमय मुंडे द्वारा की गई व्यक्तिगत जांच में खुलासा हुआ कि आरोपियों ने पिंपरी-चिंचवड़ के एक घनी आबादी वाले इलाके में एक फ्लैट किराए पर लेकर मिट्टी आधारित हाइड्रोपोनिक गांजा उत्पादन इकाई स्थापित की थी। पुलिस ने इस अवैध सेटअप को नष्ट कर दिया और वहां से गांजे के पौधे, उत्पादन उपकरण और तैयार स्टॉक जब्त किया।
तकनीकी विश्लेषण के आधार पर जांच का दायरा आगे बढ़ाया गया, जिसके तहत पुलिस टीम मुंबई और गोवा तक पहुंची। इस दौरान मुख्य आरोपी माने जा रहे मलय राजेश डेलिवाला को गिरफ्तार किया गया। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने नौ अलग-अलग प्रकार के नशीले पदार्थ बरामद किए, जिनमें गांजा और हाइड्रोपोनिक ओजी कुश, चरस, एमडी ड्रग्स, साइकडेलिक मशरूम, एलएसडी पेपर, कैनाबिस गमीज़, एमएएमडी गोलियां और सीबीडी ऑयल शामिल हैं।
इसके अलावा, अवैध कारोबार में इस्तेमाल होने वाले इलेक्ट्रॉनिक तौल कांटे, कैश काउंटिंग मशीनें, सीलिंग बैग और अन्य सामग्री भी जब्त की गई है। पुलिस का कहना है कि एमडी ड्रग्स, हाइड्रोपोनिक गांजा और अन्य खतरनाक नशीले पदार्थों का प्रसार शहर में तेजी से बढ़ रहा है, जिसका सबसे ज्यादा असर युवाओं और कॉलेज छात्रों पर पड़ रहा है।
जोन-4 के पुलिस उपायुक्त सोमय मुंडे ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी सीधे तौर पर एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट से जुड़े हुए थे और देश के भीतर तथा विदेशों में तस्करों के नेटवर्क को नशीले पदार्थ सप्लाई कर रहे थे। गिरोह द्वारा वित्तीय लेन-देन के लिए हवाला चैनलों और क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल किया जा रहा था। पुलिस पूरे वित्तीय और लॉजिस्टिक नेटवर्क का पता लगाने के लिए जांच आगे बढ़ा रही है।
एनडीपीएस एक्ट के तहत सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस हिरासत में रखा गया है। कार्रवाई के दौरान आरोपियों के विभिन्न बैंक खातों, क्रिप्टो वॉलेट्स और विदेशी मुद्रा होल्डिंग्स में मौजूद ₹7.80 लाख की राशि भी फ्रीज की गई है। पुलिस के अनुसार, अब तक कुल मिलाकर लगभग ₹3.45 करोड़ मूल्य के नशीले पदार्थ और संबंधित सामग्री जब्त की जा चुकी है।
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