पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया यानी पीएफआई ने पीएम मोदी की रैली को निशाना बनाने की तैयारी की थी। इसका खुलासा गुरुवार को पीएफआई के 106 ठिकानों पर हुए छापेमारी के बाद हुआ है। इस संबंध में प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया है कि पीएम मोदी की पटना में होने वाली रैली पीएफआई के टारगेट पर थी। इतना ही नहीं पीएफआई ने टेरर मॉड्यूल बनाने और अन्य जगहों पर भी हमले करने की फिराक में था। बता दें कि,गुरुवार को ग्यारह राज्यों में पीएफआई के 106 ठिकानों पर छापे मारे गए थे। जिसमें सौ से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
केरल में गिरफ्तार किये गए पीएफआई के एक सदस्य के हवाले से एक रिपोर्ट में दावा किया गया। जिसमें कहा गया कि केरल से गिरफ्तार शफीक पायेथ के रिमांड नोट में ईडी ने यह खुलासा किया है। जिसमें कहा गया है कि इसी साल 12 जुलाई को पटना में हुई रैली को निशाना बनाने के लिए ट्रेनिंग कैंप लगाया गया था। बताते चलें कि 2013 में पटना में हुई उनकी में रैली हमला हुआ था।
पायेथ पर भी ईडी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। दावा किया जा रहा है कि उसने भारत में एनआरआई बैंक खाते का इस्तेमाल किया है। इसके जरिये उसने पीएफआई को पैसे ट्रांसफर किया है। ईडी कहना है कि पायेथ के यहां पिछले साल भी छापेमारी की जा चुकी है। एजेंसी का कहना है कि पीएफआई और अन्य के खातों में 120 करोड़ रुपये जमा किया गया था। जो देश और विदेश से प्राप्त किये गए थे।
बता दें कि गुरूवार को एनआईए और ईडी की छापेमारी के बाद शुक्रवार को पीएफआई की केरल इकाई ने विरोध प्रदर्शन किया था। जिसमें कार्यकर्ताओं ने जमकर हिंसा की। इस घटना लगभग बीस लोग घायल हुए थे। इस मामले में केरल हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था। इस दौरान सार्वजनिक बसों को निशाना बनाया गया था।
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