कोलकाता के ऐतिहासिक और बड़े अस्पताल में काम करने वाली रेसीडेंट डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के मामलें ने पुरे देश को झकझोर कर रखा था। कोलकाता की सियालदह अदालत ने आरजी कर अस्पताल में ऑन ड्यूटी डॉक्टर से बलात्कार और उसकी हत्या के आरोपी संजय रॉय को दोषी ठहराया है।
पिछले वर्ष के 9 अगस्त को इस घटना के बाद देशभर में आक्रोश देखा गया। आईएमए और फ़ोर्डा जैसे चिकित्सकों के संघटनों ने डॉक्टरों की सुरक्षा और इस अपराधिक घटना के विरोध में देश-भर में मोर्चे निकाले थे। साथ ही कलकत्ता में लंबे समय तक डॉक्टरों की भूख हड़ताल और बंद चलता रहा। हालांकि इस केस में कोलकाता पुलिस की नाकामी और डॉक्टरों पर हमलें के बाद केस सीबीआई को सौंपा गया था।
सियालदह अदालत ने संजय रॉय को हत्या और बलात्कार के मामले में दोषी पाया है। संजय रॉय को भारतीय न्याय संहिता की धारा 64, 66 और 103 (1) के तहत बलात्कार और हत्या का दोषी पाया गया। साथ ही संजय रॉय की सजा का ऐलान सोमवार (20 जनवरी) को होगा। रिपोर्ट के अनुसार फैसले के बाद पीड़िता के पिता कोर्ट में रो पड़े। वहीं मामले में दोषी संजय रॉय ने इस फैसले को नकारते हुए कहा की “मुझे झूठा फंसाया गया है। मैंने ऐसा नहीं किया है। जिन्होंने ऐसा किया है, उन्हें छोड़ दिया जा रहा है। इसमें एक आईपीएस शामिल है।”
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केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार कहते हैं, “अदालत ने उन्हें (संजय रॉय) दोषी ठहराया है, लेकिन पश्चिम बंगाल के लोगों का मानना है कि इस घटना में एक से अधिक लोग शामिल हो सकते हैं। जब कोलकाता पुलिस द्वारा पांच दिनों तक मामले की जांच की जा रही थी, तो उन पांच दिनों में सबूतों के साथ छेड़छाड़ की गई… हम चाहते हैं कि कड़ी सजा दी जाए… आरजी कर की घटना ने उजागर कर दिया है कि पश्चिम बंगाल राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति अच्छी नहीं है…”