कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में युवा डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग की जांच प्रारंभिक निष्कर्ष पर पहुंची है कि पूरी घटना सुरक्षा, बुनियादी ढांचे और जांच संबंधी खामियों के कारण हुई थी।
शुक्रवार (16 अगस्त) के दिन राष्ट्रिय महिला आयोग की द्विसदस्य कमिटी द्वारा आरजी कर कॉलेज की व्यवस्था पर प्राथमिक रिपोर्ट जारी की गई। राष्ट्रिय महिलाआयोग द्वारा शुक्रवार के इस आधिकारिक बयान में कहा गया है कि जिस स्थान पर पीड़िता के साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या की गई, वहां अचानक मरम्मत का काम चल रहा था, जिससे सबूतों के साथ छेड़छाड़ की संभावना थी। आयोग ने कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में 31 वर्षीय प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ कथित बलात्कार और हत्या के संबंध में मीडिया द्वारा रिपोर्ट की गई दुखद घटना पर स्वत: संज्ञान लिया है। स्थिति की गंभीरता से चिंतित आयोग ने मामले की तत्काल जांच शुरू कर दी है।
आयोग द्वारा गठित दो सदस्यीय जांच समिति में आयोग की सदस्य डेलिना खोंडगुप और पश्चिम बंगाल राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण द्वारा नियुक्त वकील सोमा चौधरी शामिल थीं। राष्ट्रिय महिला आयोग ने कहा गया है कि समिति 12 अगस्त को कोलकाता पहुंची और घटना से जुड़ी परिस्थितियों की सख्ती से जांच कर रही है।
अब तक जाँच समिति ने पाया है कि घटना के समय कोई सुरक्षा गार्ड मौजूद नहीं था और रात की शिफ्ट के दौरान ऑन-कॉल ड्यूटी इंटर्न, डॉक्टरों और नर्सों के लिए अपर्याप्त सुरक्षा थी। अस्पताल में महिला डॉक्टरों और नर्सों के लिए बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। शौचालय खराब स्थिति में हैं, सुरक्षा उपायों का अभाव है और रोशनी की भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। साथ ही इस घटना के बाद इस्तीफा देने वाले पूर्व प्रिंसिपल की जांच अधूरी है, इसीलिए समिति ने गहन और त्वरित जांच का अनुरोध किया है।
ऑन-कॉल महिला ड्यूटी इंटर्न, नर्सों और महिला डॉक्टरों के लिए कोई पर्याप्त सुरक्षा या सुरक्षा नहीं है। जिस जगह पर रेप और हत्या की घटना हुई थी वहां अचानक से मरम्मत काम हो रहा है, इसलिए सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका है। इसमें कहा गया है कि पुलिस को अपराध स्थल को तुरंत सील कर देना चाहिए था।
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