भारत देश में पिछले कुछ समय से लव जिहाद के कई मामले सामने आए है। देशभर के अलग-अलग हिस्सों से आ रहे लव जिहाद के मामलों ने बड़ी मुसीबत खड़ी कर रखी है। हैरानी की बात ये है कि लव जिहाद के ज्यादातर मामलों को साजिश के तहत अंजाम दिया जाता है.। कई मामलों में सामने आया कि मुस्लिम शख्स अपना असली नाम छिपाकर गैर-धर्म की युवती के साथ शादी कर रहा हैं। इतना ही नहीं, सच्चाई सामने आने के बाद हिंदू लड़कियों को धर्म बदलने के लिए मजबूर किया जा रहा है और उनके साथ अत्याचार की सारी हदें पार करने के साथ-साथ कई मामलों में हिंदू लड़कियों की हत्या भी कर दी गई। जिसमें दिल्ली में श्रद्धा वालकर की उसके बॉयफ्रेंड आफताब पूनावाला द्वारा हत्या और एक्ट्रेस तुनिशा शर्मा की मौत के मामले में ‘लव जिहाद’ का मुद्दा फिर से चर्चा का विषय बन गया था, जिसमें उसके को-एक्टर शीजान खान को गिरफ्तार किया गया था। लव जिहाद शब्द का इस्तेमाल तब से शुरू हुआ, जब अक्टूबर, 2009 में केरल कैथोलिक बिशप काउंसिल ने दावा किया था कि लगभग 4,500 लड़कियों को लव जिहाद का निशाना बनाया गया।
बात यदि लव जिहाद पर बने कानून को लेकर करें तो आजादी से पहले ब्रिटिश इंडिया के समय जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए कोई कानून नहीं था। लेकिन, उस समय भी देश की चार रियासतों राजगढ़, पटना, सरगुजा और उदयपुर में इसको लेकर कानून थे। सबसे पहले 1936 में राजगढ़ में ऐसा कानून बना। उसके बाद 1942 में पटना, 1945 में सरगुजा और 1946 में उदयपुर में कानून बना। इन कानूनों का मकसद हिंदुओं को ईसाइयों में बदलने से रोकना था।
केंद्र के स्तर पर लव जिहाद को लेकर सीधे-सीधे कोई कानून नहीं है लेकिन कुछ राज्यों ने इस पर कानून बनाया है। आईपीसी की धारा 366 के तहत अपहरण के मामलों में 10 साल की सजा हो सकती है। जबकि शारीरिक शोषण के लिए झूठ बोलकर की गई शादी के मामले को ह्यूमन ट्रैफिकिंग और दुष्कर्म से जोड़ा गया है। लव जिहाद को लेकर उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश,उत्तराखंड, गुजरात, मध्य प्रदेश, हरियाणा, झारखंड और कर्नाटक जैसे राज्यों ने कानून बनाए हैं।
जबकि भारत के पड़ोसी देशों में भी जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए कानून हैं। नेपाल, म्यांमार, भूटान, श्रीलंका और पाकिस्तान में ऐसे कानून हैं। पाकिस्तान में सबसे ज्यादा धर्म परिवर्तन के मामले सामने आते हैं, यहां जबरन धर्म परिवर्तन कराने पर उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है।
हालांकि आज हम आपको लव जिहाद के उस मामले को बता रहे है जिसे लेकर ब्रिटेन में खूब बहस चल रही है। दरअसल ब्रिटेन की सरकार ने बहुत बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के तहत ब्रिटेन में ग्रूमिंग गैंग्स के खिलाफ ब्रिटेन में एक विशेष टास्क फोर्स बनाई जाएगी। ब्रिटेन में ग्रूमिंग गैंग्स का मतलब उन अपराधियों से है जो पाकिस्तान मुल्क के एक विशेषधर्म से है। इन लोगों पर आरोप है कि ये ब्रिटेन की नाबालिग और कम उम्र की लड़कियों के साथ पहले दोस्ती करते है उसके बाद ड्रग्स के नशे की लत लगाकर उनका शोषण करते है। उसके बाद लड़कियों का नाम, धर्म और पहचान बदलने के लिए दबाव बनाते है। यह ठीक वैसा ही जैसे भारत देश में होता है हालांकि भारत में इसके लिए लव जिहाद शब्द का इस्तेमाल किया जाता है। लव जिहाद की घटना यह सिर्फ भारत में नहीं घटती कई देश है जो इस समस्या से ग्रसित है। फर्क बस इतना है कि लव जिहाद के लिए विभिन्न देशों में अलग अलग नाम है जैसे ब्रिटेन में इसे ग्रूमिंग गैंग के नाम से जाना जाता है।
ब्रिटेन में पूरा का पूरा गैंग है ये लोग वहाँ सबसे पहले नाबालिग लड़कियों के साथ दोस्ती करते है। इसमें सबसे ज्यादा पाकिस्तानी मुल्क के युवा होते है। एक खास धर्म के लोग होते है। ये लोग नाबालिग लड़कियों के स्कूल के आस पास घूमते है, स्कूली लड़कियों से दोस्ती कर लेते है। फिर उन्हें नशे की आदत लगते है जिससे ये लड़कियां पूरी उनके चंगुल में फंस जाती है। फिर उन्हें ब्लैकमेल किया जाता है। उसके बाद लड़कियों का नाम और धर्म बदलने का दबाव बनाया जाता है। ग्रूमिंग का अर्थ होता है किसी नाबालिग लड़की का ब्रेन वॉश करके उसका यौन शोषण करना।
ब्रिटेन सरकार के मुताबिक अकेले इंग्लैंड में वर्ष 2018-19 में सिर्फ एक साल में नाबालिक लड़कियों के यौन शोषण की 19 हजार घटनाएं दर्ज हुई। हैरानी वाली बात यह है कि ब्रिटेन में यह सबकुछ पिछले कई वर्षों से चल रहा है। लेकिन अब तक वहाँ इन घटनाओं को सिर्फ इसलिए नजरअंदाज किया गया क्यूंकी वहाँ की सरकार और नेताओं को डर था कि अगर उन्होंने इन ग्रूमिंग गैंग पर कोई एक्शन ले लिया तो उनके देश को इस्लाम विरोधी कहा जाएगा। और वहाँ जो इस्लाम मनानेवाले लोग है वो उनके खिलाफ हो जाएंगे। और उन्हें वोट नहीं देंगे। आरोप लगेगा की ब्रिटेन की सरकार नस्लीय भेदभाव कर रही है। अपनी छवि और वोट को बचाने के लिए ब्रिटेन की सरकार और वहाँ के नेता, ये सब अनदेखा करते आ रहे है। ठीक उसी तरह जैसे हमारे देश में हो रहा है। हमारे देश में भी इस तरह की घटनाएं वर्षों से होती चली आ रही है। और पहले हमारे देश में जो नेता और सरकार थी वो ऐसे मामले में कोई कार्यवाही नहीं करते थे। वजह उन्हें डर था कि कहीं चुनाव ना हार जाएं, कहीं एक जो खास वोट बैंक है वो हमारे हाथ से ना निकल जाएं। जिस वजह से लव जिहाद जैसे घटनाओं को इग्नोर कर दिया जाता था। हालांकि अब जाकर हमारे देश के कुछ राज्यों की सरकारों ने बकायदा लव जिहाद पर कानून बनाया है।
वहीं अब जाकर देश में पुलिस और सरकार ऐसे मामलों पर तुरंत एक्शन ले रही है। लेकिन आपने देखा होगा कि आज भी जब हमारे देश में लव जिहाद के कोई भी मामले सामने आते है तो उस पर विवाद जरूर होता है। उसके बाद ये एक धार्मिक मुद्दा बन जाता है। अंग्रेजी में इसके लिए एक शब्द का इस्तेमाल होता है, जिसे पॉलिटिकल करेक्ट्नेस कहा जाता है। यानी जब कोई सरकार राजनीति कारणों से धर्मनिरपेक्ष दिखने के लिए आरोपियों को उनके धर्म के आधार पर कानूनी कार्यवाही से छूट देती है तो ये पार्टीयां और वो सरकारे असल में पॉलिटिकली करेक्ट होने की कोशिश करते है। और अब तक ब्रिटेन में यही काम हो रहा था। ब्रिटेन की पिछली सभी सरकारों ने धर्म निरपेक्ष दिखने के लिए ग्रूमिंग गैंग्स के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया और इसकी वजह से ही वहाँ समस्या इतनी गंभीर हो गई कि अब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और वहाँ की सरकार ने कहा है कि वे ग्रूमिंग गैंग को सिर्फ इसलिए नहीं छोड़ सकती क्यूंकी वो एक विशेष धर्म और वर्ग से आते है। और उन्होंने वहाँ इसे रोकने के लिए अब कड़े कदम उठाने की बात कही है ब्रिटेन के प्रधानमंत्री को खुद इस मुद्दे पर सामने आना पड़ा और इतना बड़ा बयान देना पड़ा ये अपने आप में बहुत बड़ी हिम्मत की बात है। हमारे देश के नेताओं को भी ऋषि सुनक से सिख लेने की जरूरत है।
ऋषि सुनक को पता है कि इस तरह के कदम उठाने के बाद उनपर कई आरोप लगेंगे। लेकिन अब समस्या इतनी बढ़ गई थी उन्होंने खुलकर कहा है कि इस तरह के जो पाकिस्तानी युवा है उनपर सख्त कार्यवाही उनकी सरकार करेगी। इसके लिए वहाँ एक स्पेशल टास्क फोर्स बनाया जाएगा। ऋषि सुनक ने खुद इस बात को स्वीकार किया है कि पहले राजनीतिक दबाव के चलते इस तरह की घटनाओं को नजरअंदाज किया जाता था, लेकिन अब पानी सर के ऊपर निकल गया है इसलिए इस तरह के मामले पर एक्शन लेना भी जरूरी हो गया है।
ब्रिटेन में ग्रूमिंग गैंग्स को रोकने के लिए जो टास्क फोर्स बनाई जाएगी उसमें वहाँ की नैशनल क्राइम एजेंसी के सदस्य भी होंगे। और ये तमाम सदस्य ऐसे मामलों की जांच के दौरान टास्क फोर्स और पुलिस की मदद करेंगे। हालांकि ब्रिटेन में इस तरह के अपराधों के लिए स्पष्ट कानून और सजा के प्रावधान भी नहीं है। इसलिए ब्रिटेन की सरकार ने तय किया है कि वो इसे रोकने के लिए अब नए कानून भी लाएगी। और इस दौरान किसी भी तरह के धार्मिक दबाव को बर्दास्त नहीं करेगी। ऋषि सुनक ने इस मामले में टास्क फोर्स बनाकर बहुत बड़ी हिम्मत दिखाई है। लेकिन सोचनेवाली बात यह है कि भारत सरकार लव जिहाद की घटनाओ को रोकने के लिए जब भी देश में कोई कानून लाती है या इस तरह की कोई टास्क फोर्स बनाती है तो क्या होगा। बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस तरह की कोशिश की थी जब उन्होंने प्रदेश में ऑपरेशन रोमिओ शुरू किया था।
हालांकि यदि आज भारत सरकार कोई एक्शन लेना चाहे तो भारत सरकार को अपने ही देश में विरोधों का सामना करना पड़ेगा उनपर सांप्रदायिक के आरोप लगेंगे। मुस्लिम विरोधी बताया जाएगा। और यही ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देश भारत को लेकर मानवाधिकारों की दुहाई देकर भारत सरकार की आलोचना करेंगे। लेकिन आज जब यही कदम ब्रिटेन ने उठाया तो दुनिया का कोई भी धर्मनिरपेक्ष देश ब्रिटेन से सवाल जवाब नहीं कर रहा है। हालांकि ब्रिटेन के इस फैसले से केवल पाकिस्तान को नाराजगी है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि कुछ लोगों के आपराधिक व्यवहार के लिए पूरे मुस्लिम समुदाय को दोषी ठहराना गलत है। पूरे पाकिस्तान के लोगों को दोषी ठहराना गलत है।
हालांकि जब भी भारत सरकार ने किसी भी मामले में कोई भी कार्यवाही की तो पश्चिमई देशों के लोगों ने सबसे ज्यादा विरोध किया है। आरोप लगाया जाता है कि भारत में धार्मिक आजादी छीनी जा रही है। तब भारत देश से इनकी कोई सहानुभूति नहीं होती लेकिन वो कहा जाता है ना जब समस्या हमारे दरवाजे पर दस्तक देती है तब हमें वास्तव में समस्या का पता चलता है। पश्चिमी देशों के लोगों के साथ भी यही है जब समस्या इनके गाँव और शहर की लड़कियो तक पहुँचती है और समाज तक पहुँचती है। तब ये कोई भी सख्त कदम उठाने से पीछे नहीं हटते है। जिसका ताजा और उत्तम उदाहरण है ब्रिटेन। जहां ऋषि सुनक ने अच्छा फैसला लिया है।
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