सड़क हादसों का कारण बनने वाले राज्य के दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में फ्लैशिंग लाइट के साथ ही गति संकेतक लगाने का निर्णय लिया गया है। परिवहन आयुक्त कार्यालय ने कहा कि इसे जल्द ही लागू किया जाएगा। शराब पीकर या लापरवाही से गाड़ी चलाना, तेज गति से अगले वाहन को ओवरटेक करना दुर्घटनाओं के मुख्य कारण हैं, लेकिन सड़कों की खराब स्थिति, खतरनाक मोड़, सुरक्षात्मक दीवारें या अवरोधक, गति सीमा की कमी आदि भी कारक हैं।
उसके बाद 18 नवंबर को उन्होंने परिवहन आयुक्त कार्यालय, सड़कों के अधिकार में आने वाले विभागों आदि के अधिकारियों के साथ बैठक कर कुछ सुझाव दिये| वाहन स्पीड सेंसर (वीएसएस) राज्य के उन हिस्सों में स्थापित किए जाएंगे जहां वाहन तेज गति से चलाए जाते हैं, घोषित अपघात क्षेत्र आदि। फिलहाल मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे पर चार जगहों पर वाहनों की गति मापने की व्यवस्था है|
महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम साल के दौरान इस सड़क पर कुछ और स्पीड कैमरे लगाएगा। इसके अलावा यह सिस्टम उन जगहों पर भी लगाया जाएगा जहां तेज गति से वाहन चलते हैं और राज्य में दुर्घटना संभावित क्षेत्र घोषित हैं। राज्य परिवहन आयुक्त विवेक भीमनवार ने कहा कि इसके लिए योजना बनाई जा रही है और सड़कों के अधिकार क्षेत्र में आने वाली एजेंसियों की मदद ली जाएगी|
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