दिल्ली के चर्चित श्रद्धा हत्याकांड में श्रद्धा वालकर के पिता विकास वालकर शुक्रवार को पहली बार मीडिया के सामने आए। उन्होंने कहा कि अभी जांच सही चल रही है लेकिन अगर वसई पुलिस ने तत्परता दिखाई होती तो आज मेरी बेटी जिंदा होती। मुंबई में एक प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उन्हें न्याय का भरोसा दिलाया है। विकास वालकर ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि, मैं बीते दो साल से अपनी बेटी से बात करने की कोशिश करता रहा, लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया। मुझे कभी नहीं बताया गया कि मेरी बेटी के साथ क्या हो रहा है। उन्होंने कहा, वसई पुलिस के कारण आज हमें कई तकलीफों से गुजरना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि आखिरी बार मेरी श्रद्धा से 2021 में बात हुई थी। उसने बताया वह बेंगलुरु में रहती है। मैंने 26 सितंबर को आफताब से बात की और बेटी के बारे में पूछा तो उसने कोई जवाब नहीं दिया।
श्रद्धा के पिता ने कहा, आफताब पूनावाला ने जिस तरह मेरी बेटी की हत्या की है, ठीक उसी तरह उसे भी सजा मिले। उसे फांसी की सजा होनी चाहिए। इस दौरान उन्होंने आफताब के परिवार, मां-बाप और रिश्तेदारों की भी जांच की मांग की। साथ ही उन्होंने कहा कि डेटिंग ऐप्स की वजह से ही श्रद्धा आफताब के संपर्क में आई। आफताब ने ही श्रद्धा को घर छोड़ने के लिए बहकाया। 18 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को कुछ हद तक नियंत्रित किया जाना चाहिए। जो मेरे साथ हुआ वो किसी और के साथ ना हो। हालांकि उन्होंने कहा कि जांच सही दिशा में चल रही है। मुझे इंसाफ पर पूरा भरोसा है। मुझे आप सभी का न्याय दिलाने में सहयोग चाहिए।
श्रद्धा वालकर हत्या का आरोपी आफताब अमीन पूनावाला शुक्रवार को साकेत अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यवाही में शामिल किया गया। सुनवाई के बाद अदालत ने आफताब की न्यायिक हिरासत को 14 दिनों के लिए बढ़ा दिया है। बता दें, हत्या के आरोप में आफताब इस समय तिहाड़ जेल में बंद है। पुलिस ने आरोपी पूनावाला को 12 नवंबर को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद उसे पांच दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा गया था। पुलिस हिरासत को 17 नवंबर को पांच दिन के लिए बढ़ा दिया गया था। कोर्ट ने 22 नवंबर को फिर से आरोपी अफताब पूनावाला को चार दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा था और उसके बाद 26 नवंबर को उसे 13 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था।
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