भैंसों की दूध क्षमता बढ़ाने के लिए प्रतिबंधित ऑक्सीटोसिन का इंजेक्शन लगाने के आरोप में पुणे और उसके आसपास के कुल छह दुग्ध उत्पादकों को गिरफ्तार किया गया है। केंद्र सरकार ने 2018 से शेड्यूल एच दवा ऑक्सीटोसिन की खुदरा बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। पुलिस ने कहा कि इस इंजेक्शन का इस्तेमाल करने वाले अन्य किसानों की भी पहचान कर ली गई है और उन्हें भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
गिरफ्तार किए गए दुग्ध उत्पादकों के नाम विठ्ठल भिवाजी झिंजुर्ने, सागर कैलास चेत, विलास महादेव मुरकुटे, सुनील खंडप्पा मलकुनायक, गणेश शंकर पैलवान, महादू नामदेव परांडे हैं। पुलिस ने कहा कि इनमें से मलकुनायक के पास 50 से अधिक भैंसों का एक बड़ा डेयरी फार्म है।
मुख्य आरोपित बाबूभाई उर्फ अलादीन लस्कर की गिरफ्तारी के पांच दिन बाद अपराध शाखा की यूनिट एक कल्याण ने बाबूभाई उर्फ अलादीन लस्कर को गिरफ्तार किया गया| पुलिस अधिकारियों के अनुसार मामले के एक अन्य आरोपी समीर अनवर कुरैशी, जो विमनथल इलाके में ऑक्सीटोसिन बॉटलिंग प्लांट चलाता है, से पूछताछ भी की गई।
जांच के दौरान पता चला कि उसने कई डेयरी किसानों को ऑक्सीटोसिन बेचा था। इस सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस टीम ने इन डेयरी किसानों की पहचान की और पुष्टि के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया|
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