बिहार से लेकर दिल्ली तक हुए लैंड फॉर जॉब स्कैम में लालू प्रसाद यादव का परिवार बुरी तरह से फंस गया है। शनिवार को सीबीआई ने पूछताछ के लिए समन भेजा था। लेकिन उन्होंने अपनी पत्नी के बीमार होने की बात कहकर एक बार फिर सीबीआई के सामने पेश नहीं हुए। बता दें कि एक दिन पहले ही यानी शुक्रवार को लालू यादव के तीनों बेटियों के यहां छापा मारी की थी। जहां भारी मात्रा में नकदी ,सोना और डॉलर बरामद हुआ। तो आइये जानते हैं कि नौकरी के बदले जमीन से कैसे लालू प्रसाद ने बनाई करोड़ों की संपत्ति।
लालू यादव केंद्रीय रेलवे मंत्री थे: लैंड फॉर जॉब स्कैम की कहानी उस समय की है जब लालू यादव केंद्रीय रेलवे मंत्री थे। कहा जाता है कि उस समय लालू यादव ने रेलवे में हो रही भर्ती के दौरान नौकरी के बदले जमीन लेने का आरोप है। लालू यादव 2004 से लेकर 2009 तक रेलवे मंत्री थे। इस मामले में लालू के ओएसडी भोला यादव को सीबीआई गिरफ्तार कर चुकी है। बीते साल अक्टूबर में सीबीआई ने चार्जशीट भी दाखिल कर चुकी है।
सात अयोग्य उम्मीदवारों से नौकरी के बदले जमीन: दावा किया किया जाता है कि लालू यादव ने लोगों को रेलवे में नौकरी देने के लिए रिश्वत में जमीन ली थी। लाखों करोडो की जमीन को कड़ियों के भाव में खरीदा गया था। इतना ही नहीं लालू यादव के करीबियों को कुछ लोग नौकरी लेने लिए जमीन तक गिफ्ट की थी। जब यह भर्ती घोटाला चल रहा था उस समय केंद्र में यूपीए की सरकार थी। इसके बाद सीबीआई ने इस मामले में लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा देवी और हेमा यादव को आरोपी बनया था। सीबीआई का आरोप है कि रेलवे मंत्री रहते हुए लालू यादव ने नौकरी के बदले जमीन ली थी। सबसे बड़ी बात यह है कि ये जमीन लालू यादव के परिवार के सदस्यों के नाम पर खरीदी गई है। सबसे बड़ी बात यह कि जिन सात उम्मीदवारों से नौकरी के बदले जमीन ली गई थी। वे अयोग्य थे और उन्हें नौकरी दी गई थी।
तो उन्हें रेगुलर कर दिया: इस मामले में सीबीआई ने कहा कि जिन लोगों को नौकरी दी गई थी। उन्हें पहले ग्रुप डी या सबस्टीयूट के तौर पर नियुक्ति की गई थी। जब उनके परिवार लालू यादव के परिवार को नौकरी पाने वाला परिवार ने जमीन दी तो उन्हें रेगुलर कर दिया गया। सीबीआई के अनुसार पटना में लालू प्रसाद यादव का परिवार एक लाख वर्ग फीट से ज्यादा जमीन को कब्जा कर रखा है। बताया जाता है कि इन जमीनों की खरीदी और बिक्री कैश में हुआ है। इन जमीनों को बहुत ही कम दामों पर खरीदा गया है।
कंपनी आरोपी: इतना ही नहीं, मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली स्थित तेजस्वी यादव का जो आवास है वह एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के नाम से रजिस्टर्ड है। जो नौकरी के बदले जमीन में आरोपी है। आरोप है कि रेलवे में नौकरी पाने वाले एक व्यक्ति ने 9527 वर्ग फिट जमीन को 10 लाख रुपए में इस कंपनी को बेच दिया था। इसके बाद 2014 में इस कंपनी को राबड़ी देवी मीसा भारती ने हासिल कर लिया था। बताया जा रहा है कि लालू यादव घोटाले की एक कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड घर का इस्तेमाल कर रहा है। जांच में पाया गया है कि जमीन को चार टुकड़ा कर मेरिडियन कंस्ट्रक्शन को बेच दिया गया है। जिसके मालिक आरजेडी के पूर्व विधायक अबु दोजाना हैं। जिनके घर पर रेड डाली गई थी। अब माना जा रहा है कि इस मामले में लालू यादव का पूरा कुनबा फंसा हुआ है। आगे भी कई चुनौतियां सामने खड़ी हैं।
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