मुंबई। प्रतिबंधित और पुरानी नकली नोटों को बाजार में चलाने वाले रैकेट का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। पुणे के पास की पिंपरी-चिंचवड पुलिस ने एक लाख रुपए के असली नोटों के बदले पांच लाख के नकली नोट मार्केट में चलाने वाले थे। पिंपरी चिंचवड पुलिस ने गुजरात में भी कार्रवाई की। जहां से 32 लाख के नकली नोट जब्त किए। इस मामले में मुख्य आरोपी को अरेस्ट किया गया।
जांच की शुरुआत पिंपरी-चिंचवड के निगडी इलाके से हुई।पुलिस को पता चला कि एक टोली लोगों के बीच नकली नोटों का जाल फैला रही है। लोगों को ऑफर दिया जा रहा थाऔर कहा जाता था कि ‘एक लाख दो,पांच लाख के नकली नोट लो,’ पिंपरी-चिंचवड की निगडी थाने की पुलिस तुरंत हरकत में आई और उसने नकली नोट चलाने वाली टोली के मुख्य सूत्रधार सहित कुल छह लोगों को धर दबोचा। इस टोली से 32 लाख के नकली नोट जब्त किए गए।
ये हैं आरोपी: गिरफ्तार किए गए मुख्य आरोपी राजू उर्फ रणजीत सिंह खतुबा परमार सहित बाकी आरोपियों के नाम गोरख दत्तात्रय पवार, विट्ठल गजानन शेवाले, जितेंद्र रंकनीधी पाणीग्रही, जितेंद्र कुमार नटवर भाई पटेल, किरण कुमार कांतिलाल पटेल हैं। इन आरोपियों में विट्ठल शेवाले एक वन अधिकारी है और कुछ महीने पहले यह रिश्वतखोरी के मामले में पकड़ाया था। इनमें से तीन आरोपियों को गुजरात में जाकर गिरफ्तार किया गया।
ऐसे फांसते थे लोगों को: जानकारी के मुताबिक मुख्य आरोपी राजू परमार ने जितेंद्र कुमार पटेल और किरण कुमार पटेल से नोटों की छपाई करवाई, इन नकली नोटों का फिर आकर्षक वीडियो बनाया। फिर उसने यह वीडियो अपनी पहचान के लोगों में दिखाना शुरू किया। वीडियो दिखा कर वह उसके फायदे बताता और जो लोग उसकी बातों में आ जाते उन्हें वह नकली नोट चलाने के लिए दे दिया करता था। राजू परमार ने जितेंद्र पटेल और किरण पटेल से 50 लाख रुपए छपवाए थे।