गुजरात दंगो के मामले में कथित मीडिया के साथ मिलकर झुठे आरोपों को गढ़ने के लिए आरोपी तीस्ता सीतलवाड़ को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने तीस्ता को नस्लभेद विरोधी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मलेशिया जाने की अनुमती दी है। हालांकि मलेशिया टूर से पहले 10 लाख रुपए की जमानत राशी रखने की शर्त भी रखी गई है।
आपको बता दें, तीस्ता सीतलवाड़ फ़िलहाल 2002 में हुए गुजरात दंगों में गुजरात राज्य और गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री को बदनाम करने की साजिश में आरोपी है। इसी अपराधिक मामले में तीस्ता की जमानत को गुजरात उच्च न्यायालय ने ख़ारिज भी किया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट द्वारा पलटकर तीस्ता सीतलवाड़ को जमानत मुहैय्या कराई थी। इसी समय कोर्ट ने जमानत के रुप में तीस्ता का पासपोर्ट जमा करवाने की शर्त रखी थी।
वहीं गुजरात दंगो को लेकर साजिश रचने की आरोपी तीस्ता सीतलवाड़ को सुप्रीम कोर्ट द्वारा मलेशिया जाने की अनुमती दी गई है। तीस्ता ने कोर्ट में दायर की याचिका में 31 अगस्त से 10 सितंबर तक मलेशिया के कुआलालंपुर में होनेवाले नस्लभेद विरोधी कार्यक्रम में शामिल होने के अनुमती मांगी थी, जिसपर मंजूरी के साथ कुछ शर्तें रखी गई है। तीस्ता को सर्वोच्च न्यायालय बताई शर्तों में 10 लाख की जमानत राशि सहित, अपनी यात्रा की डीटेल अंडरटेकिंग देने का निर्देश दिया गया है। वहीं सम्मेलन के समाप्त होते ही अपने पासपोर्ट को जमा करवाने के निर्देश भी दिए गए है।
तीस्ता सेतलवाड़ पर 2002 के गोधरा कांड की वजह से भड़के दंगो में निर्दोषों को फंसाने हेतु कथित तौर पर दस्तावेज तैयार करने का मामला दर्ज है। साथ ही तीस्ता की जमानत याचिका गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा एक बार ख़ारिज हो चुकी है। वहीं तीस्ता को सुप्रीम कोर्ट द्वारा पिछले वर्ष जुलाई में जमानत मिली थी।
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