ठाणे नगर निगम (टीएमसी) के निलंबित उप नगर आयुक्त (अतिक्रमण) शंकर पाटोले की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने उनके खिलाफ सामने आए नए भ्रष्टाचार आरोपों को लेकर ओपन इन्क्वायरी (खुली जांच) शुरू कर दी है। इस कदम से पाटोले से जुड़े मामलों की जांच का दायरा और व्यापक हो गया है।
एसीबी के अनुसार, फिलहाल यह जांच तथ्य-संग्रह (फैक्ट फाइंडिंग) के चरण में है। इस प्रक्रिया के तहत ब्यूरो को विभिन्न सरकारी विभागों से दस्तावेज मंगाने, संबंधित अधिकारियों और व्यक्तियों को पूछताछ के लिए तलब करने का अधिकार होता है। जांच का मुख्य फोकस पाटोले की आय, संपत्ति और वित्तीय लेन-देन पर रहेगा।
एसीबी इस जांच में पाटोले के बैंक खातों और वित्तीय रिकॉर्ड, उनकी चल-अचल संपत्तियों, और अन्य परिसंपत्तियों की पड़ताल कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं उनकी आय ज्ञात स्रोतों से अधिक तो नहीं है। इसके अलावा, उनके कार्यकाल के दौरान लिए गए प्रशासनिक फैसलों और अंतर-विभागीय पत्राचार की भी समीक्षा की जाएगी। एक वरिष्ठ एसीबी अधिकारी ने कहा, “हम विभिन्न एजेंसियों से पाटोले से जुड़े दस्तावेज इकट्ठा कर रहे हैं और जांच सही दिशा में आगे बढ़ रही है।”
गौरतलब है कि शंकर पाटोले पहले से ही एसीबी के एक मामले में जांच के दायरे में हैं। अक्टूबर में उन्हें एक बिल्डर से ₹25 लाख नकद रिश्वत मांगने और स्वीकार करने के आरोप में रंगे हाथों पकड़ा गया था। आरोप है कि यह रिश्वत अतिक्रमण से जुड़ी मंजूरी दिलाने के बदले ली जा रही थी। इस ट्रैप के बाद उन्हें नगर निगम से निलंबित कर दिया गया था और उनके कार्यों की व्यापक समीक्षा शुरू हुई थी।
सूत्रों के मुताबिक, एसीबी आने वाले हफ्तों में अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट सौंप सकती है। यदि खुली जांच में आय से अधिक संपत्ति या अन्य गंभीर अनियमितताओं के ठोस सबूत मिलते हैं, तो नया एफआईआर दर्ज होने सहित आगे की कानूनी कार्रवाई भी संभव है।
एसीबी की इस पहल से साफ है कि मामले की जांच अब केवल एक रिश्वत कांड तक सीमित नहीं रही, बल्कि पाटोले के पूरे कार्यकाल की गहन पड़ताल की जा रही है।
यह भी पढ़ें:
पंकज चौधरी संभालेंगे कमान यूपी भाजपा की कमान; पूर्वांचल का दबदबा बरकरार,
बांग्लादेश में आचार संहिता के बीच चुनावी हिंसा जारी, पत्रकार पर हमला
मुजफ्फरनगर: मस्जिद के लाउडस्पीकर की आवाज कम करने को कहने पर दारोगा को ‘गला काटने’ की धमकी



