चित्रकूट। उत्तर प्रदेश के चित्रकूट की जिला जेल में शुक्रवार सुबह एक कैदी ने पांच कैदियों को बंधक बनाया लिया। इसके बाद कैदी ने दो कैदियों को गोली मारकर हत्या कर दी। हालांकि मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने कैदी को ऐसा करने से मना किये, लेकिन वह नहीं माना। वह लगातार बंधक बनाये कैदियों को जान से मारने की धमकी दे रहा था, हालत बेकाबू होते देख मौके पर ही हत्या करने वाले कैदी का पुलिस ने एनकाउंटर के दिया। हत्या क्यों की गई, इसका खुलासा नहीं हो सका है।हालांकि जांच की जा रही है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर जेल में हत्या करने वाले कैदी के पास हथियार आया कहां से आया। फिलहाल खबर लिखे जाने तक चित्रकूट जिलाधिकारी व जिले के बाकी तमाम पुलिस अफसर मौके पर ही मौजूद हैं। जेल के अंदर हुई इस खून खराबे की घटना में कुल तीन कैदियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है. वहीं इस घटना की पुष्टि यूपी जेल महानिदेशक आनंद कुमार ने दोपहर को की।
डीजी जेल के अनुसार दोनों कैदियों को मौत के घाट उतारने वाले अंशु दीक्षित को कुछ दिन पहले ही प्रशासनिक आधार पर सुल्तानपुर जिला जेल से चित्रकूट जेल में शिफ्ट किया गया था। बदमाश अंशु दीक्षित ने जिन कैदियों की गोली मारकर हत्या की है उनका नाम मुकीम काला और मेराज अली है।
दोनों कैदियों की हाल में ही हुई थी शिफ्टिंग
जानकारी के अनुसार जिन दो कैदियों की हत्या की गयी है उन्हें हाल ही में अलग-अलग जेलों से लाकर चित्रकूट जेल में बंद किया गया था। मारा गया कैदी मेराज अली वाराणसी जेल से और मुकीम काला यूपी की ही सहारपुर जेल से लाया गया था। कैदी मेराज अली उर्फ मेराजुद्दीन 20 मार्च 2021 को वाराणसी जेल से चित्रकूट जेल में ,जबकि मुकीम काला को हाल ही में 7 मई 2021 को सहारपुर जेल से यहां लाया गया था। यह घटना क्यों हुई अभी तक इसका पता नहीं चल पाया है। बताया जा रहा है कि मेराज अली मुख्तार अंसारी का करीबी था।
यूपी जेल महानिदेशालय के मुताबिक,सुबह करीब 10 बजे कैदी अंशु दीक्षित ने जेल परिसर में पांच कैदियों को बंधक बना लिया था। जेल स्टाफ द्व्रारा समझने के बाद भी वह पांचों कैदियों को मरने की रहा था। मौके पर पहुंचे चित्रकूट जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक मय अतिरिक्त पुलिस बल भी अंशु दीक्षित को समझाने की कोशिश की।लेकिन वह नहीं माना। बार-बार बंधक कैदियों को मारने की धमकियां देता रहा।
पुलिस एनकाउंटर में आरोपी ढेर
लिहाजा कोई रास्ता न देख डीएम के आदेश पर पुलिस ने हत्यारोपी कैदी अंशु दीक्षित को मार डाला। जानकारी के अनुसार कैदी अंशु दीक्षित 8 दिसंबर 2019 को सुल्तानपुर जेल से चित्रकूट जेल में शिफ्ट किया गया था। यूपी जेल महानिदेशालय के मुताबिक, जिलाधिकारी और चित्रकूट के पुलिस अधीक्षक मय अतिरिक्त पुलिस फोर्स जेल के अंदर ही डेरा डाले हुए हैं। आशंका है कि अंशु दीक्षित के ढेर किये जाने के बाद जेल में बंद उसके समर्थक कैदी कोई बबाल न कर दें। इसके अलावा जेल की सुरक्षा में अतिरिक्त बल भी तैनात किये गए हैं।
लिहाजा कोई रास्ता न देख डीएम के आदेश पर पुलिस ने हत्यारोपी कैदी अंशु दीक्षित को मार डाला। जानकारी के अनुसार कैदी अंशु दीक्षित 8 दिसंबर 2019 को सुल्तानपुर जेल से चित्रकूट जेल में शिफ्ट किया गया था। यूपी जेल महानिदेशालय के मुताबिक, जिलाधिकारी और चित्रकूट के पुलिस अधीक्षक मय अतिरिक्त पुलिस फोर्स जेल के अंदर ही डेरा डाले हुए हैं। आशंका है कि अंशु दीक्षित के ढेर किये जाने के बाद जेल में बंद उसके समर्थक कैदी कोई बबाल न कर दें। इसके अलावा जेल की सुरक्षा में अतिरिक्त बल भी तैनात किये गए हैं।
कैसे पहुंचा जेल में हथियार
सवाल यह उठ रहा कि अंशु दीक्षित के पास हथियार आये कहां से , क्या किसी ने जेल में ही कराया. तमाम सवाल के जवाब जाँच के बाद पता चलेंगे।आखिर क्या वजह थी कि अंशु दीक्षित ने दो कैदियों की हत्या उनके चित्रकूट जेल में पहुंचने के चंद दिन बाद ही कर दी। उत्तर प्रदेश जेल महानिदेशालय के मुताबिक, इस घटना की जांच के लिए प्रयागराज रेंज के प्रभारी उप-महानिरीक्षक (जेल) प्रयाग पांडे को भेजा गया है. उनके जांच के बाद ही पता चल पाएगा की आखिर अंशु दीक्षित ने दो कैदियों की हत्या क्यों की।