नई दिल्ली। आखिरकार एक हत्या के आरोप में फरार चल रहे पहलवान सुशील कुमार को दिल्ली पुलिस की एक स्पेशल टीम ने गिरफ्तार कर ही लिया। वे काफी दिनों से पुलिस को चकमा दे रहे थे। सुशील कुमार 23 वर्षीय पहलवान सागर धनखड़ हत्याकांड में मुख्य आरोपी हैं। सुशील कुमार और उनके साथियों को भी दिल्ली-पंजाब के बॉर्डर से गिरफ्तार किया गया। उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस और गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया था। इतना ही नहीं उन पर और उनके साथी अजय पर क्रमश:1लाख और 50 हजार का इनाम घोषित किया गया था।
क्या है मामला ?
सुशील कुमार पर आरोप है कि 4 मई की रात पहवान सागर धनखड़ समेत तीन लोगों का सुशील ने अपने साथियों के साथ मिलकर अपहरण कर लिया था। इसके बाद सुशील कुमार और उनके साथियों ने छत्रसाल स्टेडियम में इनके साथ मारपीट की थी, जिसमें सागर की मौत हो गई।वहीं पुलिस का कहना है कि छत्रसाल स्टेडियम में पहलवानों के दो समूहों में मारपीट हुई थी।इस मारपीट में सागर की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी। तब से वे फरार थे।
किस बात का है विवाद ?
जानकारी के अनुसार, कहा जा रहा है कि यह विवाद दिल्ली के मॉडल टाउन इलाके में एक फ्लैट को खाली कराने को लेकर पैदा हुआ था, और यह विवाद हत्या तक पहुंच गया। तब से सुशील अपने साथियों के साथ फरार चल रहे थे। इस बीच सुनील कुमार के कई जगह छुपने की खबरें आई, लेकिन वे पुलिस के हाथ नहीं लग रहे थे। यह भी कहा जा रहा है सुनील कुमार नेपाल भागने की फ़िराक में थे।
क्या है परिवार का आरोप ?
मृतक सागर के परिवार का कहना है कि सागर पहले छत्रसाल स्टेडियम में ही रहता था और सुशील का शिष्य था, और उसने आठ साल तक छत्रसाल स्टेडियम में ट्रेनिंग ली थी। परिवार का कहना है कि सागर होनहार था, उसने कई मेडल भी जीते थे। दिल्ली पुलिस में कॉन्स्टेबल के पद कार्यरत सागर के पिता अशोक ने कहा था कि अगर उनके बेटे कुछ गलत किया था तो उसे छत्रसाल से निकाल देना चाहिए था या उन्हें बताना चाहिए था। उन्होंने कहा कि एक गुरु अपने शिष्य को कैसे मार सकता है।
बात दें कि सुशील कुमार गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत याचिका भी लगाई थी, लेकिन कोर्ट ने उसे ख़ारिज कर दिया। सुशील कुमार दो बार ओलंपिक मेडल भी जीत चुके हैं। पुलिस के अनुसार उन्हें और उनके साथी को मोबाइल ट्रेसिंग से ढूंढा गया। वे 15 से ज्यादा सिम बदल चुके है। ख़बरों के अनुसार वे अपने सहयोग से छुप रहे थे।