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​​दाभोलकर हत्या: कबूला, मारी गोली और दी गयी थी बम बनाने की ट्रेनिंग-आरोपी

उसने दाभोलकर को दो गोलियां मारी थीं, एक उनके सिर और दूसरे उनकी आंख में| उसने कबूल किया है कि उसे कुछ दक्षिणपंथी ग्रुप के सदस्यों ने संपर्क किया और हिंदू धर्म पर प्रवचन देने, गौहत्या, मुस्लिम कट्टरता और लव जिहाद पर वीडियो दिखाए गए|

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नरेन्द्र दाभोलकर हत्या मामले में एक प्रत्यक्षदर्शी ने शनिवार को पुणे की एक निचली अदालत में कथित शूटर शरद कालास्कर और स​​चिन अंदुरे की पहचान कर ली| लोक अभियोजक प्रकाश सूर्यवंशी ने बताया कि पुणे नगर निगम में काम करने वाले एक सफाईकर्मी किरण काम्बले (46) ने कालास्कर और अंदुरे की पहचान कर ली है|

20 अगस्त 2013 को पुणे में हुई डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के एक आरोपी शरद कलस्कर ने हत्या करने की बात को कबूल किया है कि उसने जंगल में पहले एयरगन चलाने की ट्रेनिंग ली और उसके बाद रेकी करके दाभोलकर की हत्या कर दी| शरद कलस्कर डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की हत्या करने वाले 2 शूटरों में से एक है| शरद को सीबीआई ने दूसरे शूटर सचिन अंदुरे के साथ डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था| शरद ने 12/10/18 को शिमोंग जिले के पुलिस अधीक्षक अभिनव खरे के सामने अपना बयान दिया था|  शरद कलस्कर औरंगाबाद के एक किसान परिवार से है|

उसने पुलिस को बताया कि उसने दाभोलकर को दो गोलियां मारी थीं, एक उनके सिर और दूसरे उनकी आंख में| उसने कबूल किया है कि उसे कुछ दक्षिणपंथी ग्रुप के सदस्यों ने संपर्क किया और हिंदू धर्म पर प्रवचन देने, गौहत्या, मुस्लिम कट्टरता और लव जिहाद पर वीडियो दिखाए गए|

इसके अलावा उसे बंदूक चलाने और बम बनाने की ट्रेनिंग दी गई| इसके साथ ही उसे बताया गया था कि उसे मर्डर करना होगा| उससे कहा गया था, ‘जो लोग धर्म के विरुद्ध रहते हैं, उनको स्वंय भगवान खत्म करेंगे| हमें कुछ दुष्ट लोगों का विनाश भगवान के लिए करना जरूरी है|’ उसने बताया उससे यह बात वीरेंद्र तावड़े ने कही थी, जो कि मुख्य साजिशकर्ता है|दाभोलकर की हत्या के बाद शरद कलस्कर को बम बनाने की ट्रेनिंग कर्नाटक के बेलगाम में दी गई|

अगस्त 2016 में बेलगाम में मीटिंग हुई थी, उसमें सबसे हिन्दू-विरोधी काम करने वालों के नाम मांगे गए थे| उसी बैठक में पत्रकार गौरी लंकेश का नाम भी चर्चा में आया और फिर सबसे पहले गौरी लंकेश की हत्या करने का फैसला लिया गया| इसके बाद अगस्त 2017 में एक और बैठक बुलाई गई, बैठक के पहले दिन गौरी लंकेश की हत्या के लिए अलग-अलग लोगों को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई|

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