पश्चिम बंगाल के हल्दिया में पांच साल पहले हुए एक दिल दहला देने वाले जघन्य अपराध में आखिरकार न्याय मिला है। 40 वर्षीय रमा डे और उनकी 19 वर्षीय बेटी रिया डे को प्रेमजाल में फंसा कर ज़िंदा जलाने वाले मुख्य आरोपी सद्दाम हुसैन और उसके तीन साथियों को अदालत ने हत्या का दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सज़ा सुनाई है। यह फैसला हल्दिया सेशंस कोर्ट ने 1 अगस्त को सुनाया और 2 अगस्त को सज़ा घोषित की गई।
मामला फरवरी 2020 का है, जब हल्दिया के झिकुरखाली नदी किनारे दो जली हुई लाशें मिली थीं। बाद में इनकी पहचान रमा डे और रिया डे के रूप में हुई। पुलिस जांच में जो खुलासा हुआ वह किसी भी संवेदनशील समाज को हिला देने के लिए पर्याप्त था।
मुख्य आरोपी सद्दाम हुसैन के संबंध न केवल बेटी रिया से बल्कि उसकी माँ रमा से भी थे। जब रिया ने शादी का दबाव बनाया, तो उसने दोनों को रास्ते से हटाने की साज़िश रची।
उसने माँ-बेटी को अपने घर बुलाया, खाने में बेहोशी की दवा मिलाई और फिर अपने साथियों के साथ मिलकर उन्हें झिकुरखाली नदी किनारे ले गया। वहाँ दोनों को ज़िंदा आग के हवाले कर दिया।
स्थानीय लोगों ने जब नदी किनारे जली हुई लाशें देखीं तो तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने सोशल मीडिया के माध्यम से तस्वीरें साझा कीं, जिसके बाद पीड़ितों की पहचान हो सकी।
जांच के दौरान पुलिस ने सद्दाम हुसैन और मंज़ूर आलम मलिक को गिरफ्तार किया। बाद में शुकदेव दास उर्फ शिबू और अमीनुर हुसैन उर्फ सिंटू को भी गिरफ्तार किया गया।
चारों को IPC की धारा 302 (हत्या), 201 (सबूत मिटाना) और 24 (आपराधिक योजना) के तहत मुकदमा दर्ज कर कोर्ट में पेश किया गया। सेशंस कोर्ट ने सभी चारों आरोपियों को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सज़ा सुनाई।



