कांग्रेस एक ऐसी राजनीति पार्टी है, जो हर चीज पर राजनीति करती है। ताजा मामला बुधवार को आईसीसी वर्ल्ड कप में भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया सेमीफाइनल मैच है। जिसमें भारत ने न्यूजीलैंड पर बड़ी जीत हासिल की थी। जिसमें भारतीय फास्ट बॉलर मोहम्मद शमी ने सात विकेट लेकर इंडिया टीम को जीत दिलाई। इस जीत को कांग्रेस ने राजनीति चश्में देखा और कांग्रेस नेता बी वी श्रीनिवास ने मोहम्मद शमी के बहाने मुस्लिम तुष्टिकरण करने की कोशिश की है। कांग्रेस नेता ने खेल भावना को ताक पर रखते हुए राहुल गांधी का दो साल पुराने ट्वीट को रीट्वीट किया। जो खेल भावना से परे हैं। 2021 के टी20 वर्ल्ड कप में भारत की हार पर लोगों ने मोहम्मद शमी को ट्रोल किया था। उसी मुद्दे को लेकर राहुल गांधी ने शमी का समर्थन किया था। अब कांग्रेस नेता उसी ट्वीट को रिट्वीट कर मुस्लिम तुष्टिकरण करने की कोशिश की है।
पहले यह जान लेते हैं कि मामला क्या है ? दरअसल, मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में आईसीसी विश्व कप का सेमीफाइनल न्यूजीलैंड और भारत के बीच खेला गया। इसमें भारत ने न्यूजीलैंड के खिलाफ 397 रन बनाया। न्यूजीलैंड को जीतने के लिए 398 रन बनना था. न्यूजीलैंड की टीम मोहम्मद शमी के सामने ढेर हो गई। मोहम्मद शमी ने इस मैच में 57 रन देकर 7 विकेट लिया था। भारत की जीत पर पीएम मोदी ने भी बधाई दी और उन्होंने अपने बधाई संदेश में मोहम्मद शमी के शानदार प्रदर्शन का जिक्र किया है। राहुल गांधी ने भी बधाई दी है। लेकिन कांग्रेस नेता बीवी श्रीनिवास ने मोहम्मद शमी के बहाने मुस्लिम हिन्दू राजनीति कर डाली। जिसे किसी भी प्रकार से सही नहीं ठहराया जा सकता है। कांग्रेस नेता बी वी श्रीनिवास ने राहुल गांधी के दो साल पुराने ट्वीट को रीट्वीट किया और लिखा कि “आज से कुछ साल पहले जब हिन्दू मुस्लिम की भांग पीकर भक्त मोहम्मद शमी को गालियां दे रहे थे। तब शमी के साथ केवल राहुल गांधी ही खड़े थे। उन्होंने राहुल गांधी के पोस्ट में लिखा है कि ” मोहम्मद शमी हम सब आपके साथ हैं,ये लोग नफरत से भरे हुए हैं, क्योंकि उन्हें कोई प्यार नहीं देता। उन्हें माफ़ कर दो।
गौरतलब है कि राहुल गांधी का यह ट्वीट 25 अक्टूबर 2021 को किया गया था। उन्होंने यह ट्वीट तब किया था जब भारत टी 20 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान से हार गया था। इसके बाद सोशल मीडिया पर मोहम्मद शमी को ट्रोल किया गया था। हालांकि कई मीडिया रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि उस समय मोहम्मद शमी को पाकिस्तान के कई ट्वीटर हैंडल से भारतीय नाम से ट्रोल किया गया था। लेकिन कांग्रेस की राजनीति हिन्दू मुस्लिम नाम से चलती है। इसलिए राहुल गांधी ने जो ट्वीट किया था, केवल राजनीति से प्रेरित था, फैंस के नजरिये से नहीं था।
खेल भावना में फैंस किस हद तक जा सकते हैं। यह कोई भी नहीं बता सकता है। यह दुनिया जानती है कि भारत पाकिस्तान का मैच, जंग से कम नहीं होता है। किसी एक टीम के हारने से टीवी फोड़ने की खबरें मीडिया में आती रही हैं। ऐसे में अगर कांग्रेस खेल प्रेमियों के व्यवहार को हिन्दू मुस्लिम के नजरिये से देखती है, तो उसे अपना चश्मा बदल देना चाहिए। क्योंकि फैंस अपने पसंदीदा खिलाड़ी को बस जीतता देखना चाहता है। खिलाड़ी के हारने पर वे अपनी हार मानते हैं। यही हाल, क्रिकेट में भी होता भारत में सबसे अधिक क्रिकेट खेल लोकप्रिय है। इस खेल को देखने के लिए लोग काम से छुट्टी ले लेते हैं, छात्र क्लास से बंककर क्रिकेट देखते हैं। क्रिकेट के प्रति भारतीयों का जुनून जगजाहिर है, ऐसे में अगर कांग्रेस मोहम्मद शमी के बहाने राजनीति करती है तो उसे समझना चाहिए कि यह उसके लिए घाटे का सौंदा हो सकता है। क्योंकि भारतीय क्रिकेट प्रेमी जाति, धर्म से परे होकर खेल भावना से रंगे रहते हैं। वे केवल भारत को जीतता देखना चाहते हैं।
मोहम्मद शमी ही नहीं, क्रिकेट के देवता कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर भी खेल प्रेमियों के नाराजगी का शिकार हो चुके हैं। जब वे अच्छा नहीं खेल रहे थे तब क्रिकेट प्रेमी और उनके चाहने वालों ने सचिन तेंदुलकर से नाराज थे। तब इसी वानखेड़े स्टेडियम में प्रसंशकों ने “इंडुलकर ” का बैनर लहराया था। लेकिन, सचिन तेंदुलकर कभी भी अपने प्रसंशकों को नाराज नहीं किया। तेंदुलकर एक मात्र ऐसे खिलाड़ी है जो अपने करियर में कभी किसी विवाद में नहीं आये। खेल प्रेमी आने पसंदीदा खिलाड़ी के प्रति जुनूनी होता है। जब कोई खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन नहीं करता है, तो खेल प्रेमी चयनकर्ताओं पर भी अंगुली उठाने से नहीं चूकते हैं। यह बात हद तक सही है। किसी भी खिलाड़ी को देश के लिए खेलने के लिए ही चयन किया जाता है,जब वह अच्छा नहीं खेलेगा तो उस पर सवाल तो उठेगा। राहुल गांधी का 2021 में किया गया ट्वीट केवल राजनीति से प्रेरित था, उसे कांग्रेसी नेता ने रीट्वीट कर एक नए विवाद को जन्म दे दिया है।
बताया जाता है कि जब अजित वाडेकर भारतीय टीम के कप्तान थे तब उन्हें हार के कारण एयरपोर्ट पर ही फैंस की नाराजगी झेलनी पड़ी थी। यह बात उस जमाने की है जब सोशल मीडिया नहीं था। आज सोशल मीडिया के जमाने में फैंस अपने पसंदीदा खिलाड़ियों की हार पर आलोचना करने में सबसे आगे रहते हैं। बहरहाल, कांग्रेस और कांग्रेस नेताओं से उम्मीद की जाती है कि आगे से फैंस के व्यवहार को जाति धर्म से नहीं जोड़ेगी। वैसे कांग्रेस तेलंगाना में भारत के पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद अजहरुद्दीन के हाथों अल्पसंख्यक घोषणा पत्र जारी कर बता दिया है कि वह कितनी धर्मनिरपेक्ष है। यह बात भारत की जनता अच्छी तरह से जानती और समझती है।
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