तुनिषा का कातिल: शीजान या परिवार?  

तुनिषा का कातिल: शीजान या परिवार?  
अलीबाबा: दास्तान ए काबुल की लीड रोल निभाने वाली तुनिषा शर्मा की मौत की गुत्थी सुलझने के बजाय उलझ गई है। शुरू में पुलिस ने इस केस में लव जिहाद का एंगल से इंकार कर दिया था। लेकिन कई लोगों का कहना था कि यह मामला लव जिहाद का ही है। वहीं, तुनिशा के परिवार का आरोप है कि शीजान खान तुनिषा से धर्म परिवर्तन करने के लिए दबाव डालता था। इसके अलावा भी उन्होंने और कई आरोप लगाए।

हालांकि, तुनिषा की मां वनिता का आरोप कितना सही है यह तो जांच के बाद पता चलेगा। लेकिन इस आरोप के साथ शीजान के ऊपर दोष मढ़कर तुनिषा का परिवार पल्ला नहीं झाड़ सकता है। क्योंकि अगर शीजान ने  तुनिषा  को थप्पड़ मारा तो उसकी शिकायत उन्हें करनी चाहिए थी। उसका विरोध करना चाहिए था, क्या तुनिषा का परिवार ऐसा किया,अगर नहीं किया, तो क्यों नहीं किया यह भी तुनिषा की मां को बताना चाहिए।

बड़ी अजीब बात है कि जब श्रद्धा की हत्या का मामला टीवी और अखबारों की सुर्खियां बन रहा था तो यह परिवार कहां था? हम ये नहीं कह रहे शीजान सही है या तुनिषा गलत है। सवाल यह है कि तुनिषा का परिवार और शीजान का परिवार श्रद्धा की हत्या से कितना सबक लिया था। जब शीजान तुनिषा पर धर्म परिवर्तन का दबाव बना रहा था उस समय यह परिवार क्या कर रहा था।

क्या इस परिवार ने अपनी बेटी से इस संबंध में बात की। अगर बात की थी तो क्या बात की थी यह  तुनिषा के परिवार को बताना चाहिए। क्योंकि,  तुनिषा  20 साल की थी और बालिग़ थी उसे अपना निर्णय लेने का अधिकार था। श्रद्धा केस में तो उसने खुद अपने घरवालों को छोड़कर  आफताब के साथ रहने लगी थी। क्या माता पिता का यह धर्म नहीं है कि अपने बच्चों बताएं कि क्या गलत है क्या सही है।

क्या आधुनिकता के नाम पर मां बाप अपने कर्तव्यों से मुंह मोड़ लिए हैं या पैसे की चकाचौंध ने उन्हें कुछ देखने ही नहीं देता है। अगर तुनिषा की मां के अनुसार शीजान अभिनेत्री की  आत्महत्या का दोषी है तो यह परिवार भी उतना ही दोषी है जिताना की शीजान। क्योंकि,  तुनिषा का परिवार सबकुछ जानते हुए भी इस ओर से मुंह मोड़ रखा था। तुनिषा  का परिवार अपनी बेटी को क्या सीख दी थी। यह सवालों के घेरे में है। क्योंकि, तुनिषा की मां ने खुद दावा किया था शीजान के कई लड़कियों से संबंध थे।

तुनिषा की मां ने यह भी आरोप लगाया है कि जब  तुनिषा ने शीजान का फोन चेक की तो उसमें कई लड़कियों के नंबर थे। जिस पर शीजान ने  तुनिषा  को थप्पड़ मारा था। क्या यह एक सामान्य घटना थी,जिसे तुनिषा के परिवार ने नजरअंदाज किया। अगर हम इस घटना को सामान्य मान भी ले तो अन्य बातें जैसे तुनिशा का अपनी मां को मां न कहकर अम्मा कहना, या हिजाब पहना  सामान्य बात थी, अपने परिवार से कट कर रहना आदि आदि। अगर यह सब एक दो दिन की बात है तो मान लिया जाना चाहिए की यह अचनाक हो सकता है। लेकिन,अगर यही सब लगातार होता रहा तो तुनिषा का परिवार इस ओर ध्यान क्यों नहीं दिया।

बहरहाल,  तुनिषा के मां के आरोप मामूली नहीं है यह आरोप गंभीर है। जिसको लेकर गंभीरता से जांच होनी चाहिए। क्योंकि कुछ माह में ऐसी घटनाओं ने जोर पकड़ा है। जिसमें मुस्लिम लड़के हिन्दू लड़कियों को अपनी चंगुल में फंसा कर शोषण कर रहे हैं फिर उनकी हत्या कर दे रहे हैं। आफताब और श्रद्धा केस के बाद तो ऐसी वारदातें आम हो गई। जहां आफताब ने श्रद्धा के 35 टुकड़े कर दिए थे। वहीं, झारखंड में रुबिका के पाटर्नर दिलदार अंसारी ने उसके 12 टुकडे कर कुत्तों के सामने फेंक दिया था। ऐसी हैवानियत की मानवता भी कांप जाए, लेकिन क्या इससे लोग सबक ले रहे हैं यह बड़ा सवाल है ?

अब लोग कहेंगे कि यहां यह कहा जा रहा है कि दूसरे धर्म के लड़के से शादी न करो, प्रेम न करो। यह पूरा बकवास है। बात यह कि जिस रिश्ते में धर्म जाति का सम्मान न हो ,वह कभी भी नहीं चलता है। यहां शादी होने से पहले धर्म बदलने की बात सामने आ रही है। तो कहां का प्रेम,  कौन सा प्रेम, यह केवल एक दूसरे को इस्तेमाल करने की ही बात सामने आती है। एक दूसरी घटना से इसे समझे, हाल ही में मुंबई में उर्वी नामक एक लड़की की हत्या कर दी गई थी।

इस घटना में भी मुस्लिम युवक लड़की का पार्टनर था,जिसका नाम रियाज है। इस घटना की सबसे बड़ी बात यह है कि इस युवक की तीन पत्नी है। बावजूद इसके इस युवक ने उर्वी से संबंध बना रखा था। उसे भी शादी का झांसा दिया गया था। इन सभी घटनाओं में एक बात कॉमन है कि जब लड़की की ओर से शादी का दबाव बनाया गया तो इन लोगों ने उन लड़कियों को ठिकाने लगा दिए। ऐसे में सवाल उठता है कि कौन किसका इस्तेमाल किया ? तो ऐसे में सवाल यह है कि क्या इन घटनाओं से समाज कुछ सीखेगा ? क्या लोग अपने बच्चों को ऐसे संबंध पर ऊंच नीच बताएंगे ? यह समाज की समझदारी पर छोड़ देते है। तो फिलहाल आज के लिए बस इतना ही।

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