यूएस ने भारत को लौटाया सदियों पुरानी 157 मूर्तियां और कलाकृतियां

यूएस ने भारत को लौटाया सदियों पुरानी 157 मूर्तियां और कलाकृतियां

नई दिल्ली। अमेरिका ने भारत को 157 कलाकृतियां वापस की है। पीएम मोदी ने यूएस के इस कदम की सराहना की है। उन्होंने राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा अवैध मूर्तियों की चोरी को रोकने के लिए किये गए प्रयास से सहमति जताई। बता दें कि ये मूर्तियां बहुत ही पुरानी और कीमती हैं।

इन कुल 157 कलाकृतियों की लिस्ट में 10वीं सीई के बलुआ पत्थर में रेवंता के डेढ़ मीटर बेस रिलीफ पैनल से लेकर 8.5 सेंटीमीटर लंबे कांस्य नटराज तक के सेट हैं। ये बहुत ही कीमती हैं। इनमें अधिकतर 11वीं सीई से 14 वीं सीई के दौरान के ऐतिहासिक कलाकृतियां हैं।
वहीं करीब 45 कलाकृतियां सामान्य युग से पहले की हैं। 12वीं सीई की उत्कृष्ट ब्रोंज नटराज की मूर्ति भी इसमें है। इनमें 11वीं सीई से लेकर 14वीं सीई तक की मूर्तियों के अलावा अन्य कई ऐतिहासिक कलाकृतियां शामिल हैं। 2000 ईशा पूर्व की कॉपर से बनी मानवकृति भी शामिल है। यूनाइटेड स्टेट्स से मिली इन तोहफों में आधी कलाकृतियां यानी करीब 71 कलाकृतियां सांस्कृतिक हैं।
वहीं आधे से अधिक मूर्तियां हैं जो हिंदू धर्म , बौद्ध धर्म और जैन धर्म से संबंधित हैं। इन मूर्तियों का निर्माण धातु, पत्थर और टेराकोटा के जरिए हुआ है। कांस्य की कलाकृतियों में लक्ष्मी नारायण, बुद्ध, विष्णु, शिव पार्वती और 24 जैन तीर्थंकरों की प्रसिद्ध मुद्राओं की अलंकृत मूर्तियां हैं।  रूपांकनों में हिंदू धर्म की धार्मिक मूर्तियां तीन सिर वाले ब्रह्मा, रथ के साथ सूर्य, विष्णु की मूर्तियां शामिल हैं। मालूम हो कि शुक्रवार को अमेरिका के उप राष्ट्रपति कमला हैरिस और राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात की।
इसके बाद उन्होंने शनिवार सयुंक्त राष्ट्र महासभा को संब्जाधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने आतंकवाद ,अफगानिस्तान  कोरोना महामारी जैसे मुद्दों पर अपनी बात रखी।

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