छत्तीसगढ़ में 29 नक्सलियों ने बुधवार (29 जनवरी) को नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक के समक्ष आत्मसमर्पण किया अधिकारियों ने बताया है की, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में 22 पुरुष और 7 महिलाएं शामिल हैं। नारायणपुर पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार ने बताया कि प्रशासन नक्सलवाद के खिलाफ अभियान चला रहा है साथ ही विकास कार्य का प्रभाव भी क्षेत्र में बढ़ रहा है, जिसके कारण यह नतीजा मिला है।
प्रभात कुमार ने मीडिया से कहा, “हम नक्सलवाद के खिलाफ आंदोलन चला रहे हैं… इसके तहत प्रभावी अभियान चलाए गए हैं और विकास कार्य भी किए गए हैं… कुतुल क्षेत्र में हम इस विकास कार्य के प्रभाव के रूप में एक सामाजिक बदलाव देख रहे हैं। नक्सल गतिविधियों में शामिल लोग आत्मसमर्पण कर रहे हैं… 29 लोग जो नक्सल गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल थे, उन्होंने आज आत्मसमर्पण कर दिया है। वे विकास कार्यों से प्रभावित हैं।”
बता दें की, सुरक्षा बलों ने बीजापुर जिले के भट्टीगुड़ा के घने जंगलों में पीएलजीए बटालियन नंबर 01 के मुख्य क्षेत्र में माओवादी प्रशिक्षण शिविर पर कब्जा कर लिया था। सेना के तलाशी अभियान के दौरान माओवादी इस शिविर को छोड़कर भाग खड़े हुए। वहीं मंगलवार (28 जनवरी) को सुरक्षा बलों ने उनके शिविरों पर धावा बोला और नक्सली शहीद स्मारक को ध्वस्त कर दिया। नक्सलियों के प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षण के उद्देश्य से तैयार किए गए ऊंचे पेड़, खाइयां और कई अन्य संसाधन थे। इसमें माओवादियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले स्थायी बैरक और झोपड़ियाँ भी थीं।
अधिकारियों ने इस अभियान को क्षेत्र में माओवादी गतिविधियों के लिए एक बड़ा झटका और उनके बुनियादी ढांचे को नष्ट करने की दिशा में एक कदम बताया है। सुरक्षा बलों ने क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की है।
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इस बीच, छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में हाल ही में एक मुठभेड़ हुई, जिसमें सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ के बाद 16 नक्सलियों के शव बरामद किए गए। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने सुरक्षा बलों की उपलब्धियों और माओवादी खतरे से निपटने में उनकी सफलता पर प्रकाश डाला, और राज्य में नक्सलवाद को खत्म करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।