“डिजिटल अरेस्ट” के नाम पर 55 लाख का चूना लगाने वाले 3 गिरफ्तार!

आरोपियों से तीन मोबाइल फोन, सिम कार्ड, पासबुक, चेकबुक, दस्तावेज, पैन कार्ड और नकली कंपनियों से जुड़े स्टैम्प और सील बरामद किए हैं। वहीं पुलिस ने फ्रॉड किए गए 55 लाख रुपयों में से 20 लाख रुपए एचडीएफसी बैंक एकाउंट में ही फ्रीज कर दिए, जिसे कोर्ट के जरिए पीड़ितों को लौटा दिया गया।

“डिजिटल अरेस्ट” के नाम पर 55 लाख का चूना लगाने वाले 3 गिरफ्तार!

3 arrested for defrauding people in the name of "digital arrest"!

दिल्ली पुलिस ने बड़े फेक ‘डिजिटल अरेस्ट स्कैम’ (Digital Arrest Scam) का पर्दाफाश किया है। ‘डिजिटल अरेस्ट स्कैम’ मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। बताया गया है की आरोपियों ने आईवीआर फ्रॉड के जरिए 55 लाख रुपये की धोखाधड़ी की है। पुलिस ने धोखाधड़ी से ठगे हुए 20 लाख रुपए फ्रीज कर पीड़ितों को वापस लौटा दिए है।

पीड़िता ने दिल्ली पुलिस के आईएफएसओ (IFSO) में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें बताया था कि उन्हें मुंबई एयरपोर्ट के कस्टम ऑफिस से फोन आया, जिसमें फोन करने वाले ने उनके नाम पर एक पार्सल पकड़ा गया है, जिसमें 16 नकली पासपोर्ट, 58 एटीएम कार्ड और 40 ग्राम एमडीएमए है ऐसी जानकारी दी थी। साथ ही आरोपी ने पीड़ित को धमकी दी थी कि अगर वह पैसे नहीं देती है तो उसकी गिरफ्तारी हो जाएगी। आरोपी ने पीड़िता को कहा उसके खिलाफ मुंबई पुलिस द्वारा अरेस्ट वारेंट जारी किया हुआ है वो जल्दी सरेंडर कर दे, इसके बाद आरोपियो ने कहा सीबीआई के एक मामले में उसकी तलाश है जल्द गिरफ्तारी जरूरी है। वहीं आरोपियों ने पीड़िता को फिजिकल अरेस्ट के बजाय डिजिटल अरेस्ट करने का झांसा दिया, जिसमें उनपर व्हाट्सअप वीडिओ कॉल्स के जरिए सर्विलांस रखने की बात की गई थी।

इस फर्जी डिजिटल अरेस्ट के दौरान अलग अलग लोग खुद को मुंबई पुलिस, सीबीआई और अन्य एजेंसीयों के अधिकारी बताकर पीड़िता के एकाउंट्स पर हाथ साफ कर रहे थे। ऐसा न करने पर मनी लांड्रिंग के कानून तहत कारवाई की धमकी भी दी गई थी। इसी दौरान पीड़िता के अकाउंट से 55 लाख रुपए उड़ाए गए।

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दिल्ली पुलिस के IFSO टीम ने इस केस पर संज्ञान लेते हुए 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान प्रभात कुमार शाह, राजेश कुमार उर्फ़ राजा और अर्जुन सिंह के रूप में हुई है। जांच के दौरान आरोपी प्रभात कुमार और राजेश कुमार उर्फ राजा और अर्जुन तीनो को दिल्ली के बुराड़ी में ट्रेस किया गया। जांच के अनुसार सामने आया है की, प्रभात और राजेश केमिला सर्विस प्राइवेट लिमिटेड में प्रोप्राइटर्स है, जबकि अर्जुंन सिंह फ्रॉड से कमाए हुए पैसो के लिए बैंक एकाउंट खोलता था

आरोपियों से तीन मोबाइल फोन, सिम कार्ड, पासबुक, चेकबुक, दस्तावेज, पैन कार्ड और नकली कंपनियों से जुड़े स्टैम्प और सील बरामद किए हैं। वहीं पुलिस ने फ्रॉड किए गए 55 लाख रुपयों में से 20 लाख रुपए एचडीएफसी बैंक एकाउंट में ही फ्रीज कर दिए, जिसे कोर्ट के जरिए पीड़ितों को लौटा दिया गया।

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