कोर्ट के फैसलों से ‘वेश्या’, ‘रखें’ जैसे 40 शब्द गायब, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

अंग्रेजी के शब्द ही नहीं बल्कि इन शब्दों के अर्थ, यहां तक कि मिलते-जुलते अर्थ वाले शब्दों का भी इस्तेमाल अदालती फैसलों में नहीं किया जा सकता। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि ऐसे शब्दों के इस्तेमाल से लैंगिक भेदभाव न बढ़े और जज अपने फैसले में संवेदनशील रहें​|​

कोर्ट के फैसलों से ‘वेश्या’, ‘रखें’ जैसे 40 शब्द गायब, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

40 words like 'prostitute', 'keep' missing from court decisions, Supreme Court's big decision

सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम और बड़ा फैसला लिया है| हमारी नई हैंडबुक से चालीस शब्द Prostitute, Hooker, Whore, Keep, Mistress, Slut हटा दिए गए हैं। इन शब्दों का प्रयोग अब किसी भी अदालत में फैसला सुनाते समय नहीं किया जा सकेगा। अंग्रेजी के शब्द ही नहीं बल्कि इन शब्दों के अर्थ, यहां तक कि मिलते-जुलते अर्थ वाले शब्दों का भी इस्तेमाल अदालती फैसलों में नहीं किया जा सकता। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि ऐसे शब्दों के इस्तेमाल से लैंगिक भेदभाव न बढ़े और जज अपने फैसले में संवेदनशील रहें|
मुख्य न्यायाधीश डी.वाई चंद्रचूड़ ने बुधवार सुबह एक नई हैंडबुक, हैंडबुक ऑफ कॉम्बैटिंग जेंडर स्टीरियोटाइप्स जारी की। उस समय उन्होंने पहले के अदालती फैसलों में प्रचलित इन शब्दों पर टिप्पणी की थी|वेश्या, रखैल, पतुरिया, वेश्‍या, रखैल, रखैल, फूहड़ जैसे शब्दों का प्रयोग अदालती फैसलों में उनका अपमान करने के लिए किया जाता है।
​अब हमने जो नई हैंडबुक निकाली है, उसमें से ये शब्द हटा दिए गए हैं| इस पुस्तिका का उद्देश्य पुराने निर्णयों की आलोचना करना नहीं है। चंद्रचूड़ ने यह भी कहा है कि इन चालीस शब्दों को इसलिए हटा दिया गया है ताकि यह न पता चले कि कैसे हम निर्णय करते समय अनजाने में यौन मानदंडों को संरक्षित कर रहे हैं।
हम इतने लंबे समय से इन पारंपरिक शब्दों का उपयोग करके न्याय की प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहे हैं। चंद्रचूड़ ने यह भी कहा है कि अब से हम और अधिक संवेदनशीलता से काम करेंगे|​  साथ ही फैसला सुनाते समय किसी भी जज को रूढ़िवादिता को ध्यान में रखकर फैसला नहीं देना चाहिए। इससे समाज में चली आ रही गलत प्रथाओं को एक तरह से बढ़ावा मिल रहा है। नई हैंडबुक से फगोट, कर्तव्यपरायण पत्नी, आज्ञाकारी पत्नी जैसे 40 शब्द हटा दिए गए हैं।
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