कतर में आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों को मौत की सजा सुनाई गई है। इस फैसले से भारतीय विदेश मंत्रालय को बड़ा झटका लगा है|कतर की अदालत ने यह फैसला सुनाया है|इन पूर्व अधिकारियों के परिवार उनकी रिहाई की उम्मीद कर रहे थे|अब ये देखना अहम होगा कि इस मामले में आगे क्या होता है|
विदेश मंत्रालय ने क्या कहा है?: हम इन पूर्व अधिकारियों के परिवार के सदस्यों और कानूनी टीम के संपर्क में हैं। साथ ही हमने इस मामले के कानूनी पहलुओं का अध्ययन भी शुरू कर दिया है| हम कतरी अधिकारियों से गुहार लगाने जा रहे हैं। भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारियों ने विभिन्न पदों पर कार्य किया है। इन सभी पर इजराइल के लिए जासूसी करने का आरोप है|गुरुवार को इन सभी आठ लोगों को कतर की अदालत ने मौत की सजा सुनाई है|
कतर में पूर्व-नेवल कर्मी क्या कर रहे थे?: यह कंपनी सैन्य बलों से संबंधित उपकरण प्रदान करने के लिए काम करती है। यह रक्षा और अन्य सुरक्षा एजेंसियों का एक स्थानीय व्यापार भागीदार भी है और रक्षा उपकरणों को बनाए रखता है। ये आठों कर्मचारी पिछले चार से छह साल से कंपनी में काम कर रहे थे| हिरासत में लिए गए अधिकारियों में से एक फर्म के प्रबंध निदेशक सेवानिवृत्त कमांडर पूर्णेंदु तिवारी हैं। 2019 में, उन्हें भारत के पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
इन आठ लोगों को कतर की खुफिया एजेंसी एसएसबी ने 30 अगस्त को हिरासत में लिया था। दोहा स्थित भारतीय दूतावास को सितंबर में उसकी गिरफ्तारी की जानकारी दी गई थी। इन अधिकारियों के परिवारों ने भारत सरकार से उन्हें सुरक्षित वापस लाने की अपील की,लेकिन अब इन सभी को मौत की सजा सुनाई गई है|
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