पटना। मात्र यह एक संयोग है कि पटना के गांधी मैदान में आठ साल पहले पीएम नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली में सीरियल ब्लॉस्ट करने वाले 9 आरोपियों को दोषी ठहराया गया। वहीं एक को बरी कर दिया गया। एनआईए कोर्ट ने अब इन आरोपियों को एक नवंबर को सजा सुनाएगी। इस कांड में 6 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 89 लोग घायल हुए थे। सुनवाई शुरू होने से पहले बुधवार की सुबह बेऊर जेल से सभी आरोपियों को कोर्ट लाया गया।
इसके बाद कोर्ट में सजा के बिंदुओं पर सुनवाई शुरू हुई। इस कांड में एनआईए की टीम ने अनुसंधान के बाद 21 अगस्त 2014 को हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी, नोमान अंसारी, मो. मुजिबुल्लाह अंसारी, मो. इम्तियाज आलम, अहमद हुसैन, फकरुद्दीन, मो. फिरोज असलम, इम्तियाज अंसारी, मो. इफ्तिकार आलम, अजहरुद्दीन कुरैसी और एक नाबालिग के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी।
कोर्ट ने फकरुद्दीदी को छोड़कर अन्य सभी नौ आरोपियों को दोषी करार दिया है। गाधी मैदान ब्लास्ट केस में बेऊर जेल में बंद 10 में से पांच आरोपियों को बोधगया ब्लास्ट मामले में भी उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है। गांधी मैदान ब्लास्ट मामले में सभी पक्षों की गवाही के बाद एनआईए कोर्ट ने फैसला सुनाने के लिए 27 अक्टूबर की तिथि निर्धारित की थी। यह संयोग ही है कि कोर्ट ने गांधी ब्लास्ट मामले में इंसाफ के लिए उसी तारीख को चुना जिस तारीख पर धमाके किए गए थे। गांधी मैदान सीरियल बम ब्लास्ट तब हुआ था, जब वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 27 अक्टूबर 2013 को गांधी मैदान में बीजेपी की हुंकार रैली को संबोधित करने के लिए पटना आए थे।