कोलकाता। बंगाल सरकार को करारा झटका लगा है। चुनाव बाद लगातार हो रहे हिंसक घटनाओं की जांच के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एक समिति गठित कर दी है। यह समिति कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद बनाई गई है। यह समिति जांच के बाद कोर्ट को रिपोर्ट सौंपेगी। इससे पहले ममता बनर्जी की सरकार ने जांच समिति गठन का विरोध किया था और कोर्ट में याचिका दायर की थी।
मानवाधिकार आयोग के चेयरपर्सन रिटायर्ड जस्टिस अरुण मिश्रा ने समिति का गठन कर दिया है। इस 7 सदस्यीय समिति में अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष आतिफ रशीद, महिला आयोग की सदस्य राजुलबेन एल. देसाई, पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के रजिस्ट्रार प्रदीप कुमार पंजा को शामिल किया गया है। इस समिति की अध्यक्षता मानवाधिकार आयोग के सदस्य राजीव जैन करेंगे। हाई कोर्ट की ओर से कमिटी के गठन के फैसले को स्थगित न करने का बीजेपी ने स्वागत किया है। केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने हाई कोर्ट के फैसले को लेकर कहा कि इससे पीड़ितों का भरोसा मजबूत होगा।
National Human Rights Commission Chairperson Justice (retired) Arun Mishra constitutes a committee to enquire into the complaints of post-poll violence in West Bengal, in accordance with the orders of the High Court of Calcutta pic.twitter.com/j0vFEBqNGP
— ANI (@ANI) June 21, 2021
इसके साथ ही स्मृति इरानी ने ममता बनर्जी पर वार करते हुए कहा कि आखिर वह कितने रेप होने तक चुप रहेंगी। इरानी ने कहा कि उन्होंने आज तक नहीं देखा है कि कोई सीएम सिर्फ इसलिए लोगों को मरता हुआ देखता रहे क्योंकि उन्होंने उसे वोट नहीं दिया था।