संभल की शाही मस्जिद के करीब जमीन में दफन मिला मृत्यु कूप, धड़ाधड़ मिल रहे संभलापुर के सबूत!

संभल की शाही मस्जिद के करीब जमीन में दफन मिला मृत्यु कूप, धड़ाधड़ मिल रहे संभलापुर के सबूत!

A death well was found buried in the ground near the royal mosque of Sambhal, evidence of Sambhalpur is being found in quick succession!

उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद पर हिंदू पक्ष के दावे के बाद लगातार सनसनी मची है। पुरातत्व विभाग के अनुसार की संभल की जमींन पर प्राचीन तौर पर संभलापुर नाम से जानी जाती है। पुरातत्व विभाग की खुदाई के बाद यहां की जमीन शहर की प्राचीनता उगल रही है। कई मंदिर और हालिया दिनों में एक पुरानी बावड़ी मिलने के बाद संभल में अब एक प्राचीन कुआं मिला है।

बताया जा रहा है कि, संभल की शाही जामा मस्जिद से महज 200 मीटर की दूरी पर प्रशासन को एक प्राचीन कुएं की जानकारी हासिल हुई। इस कुएं का नाम मृत्यु कूप भी बताया जा रहा है। फिलहाल प्रशासन ने इस कुएं की खुदाई और साफ सफाई का काम शुरू कर दिया है।

संभल जिला प्रशासन शहर में कुओं का जीर्णोद्धार करने की प्रक्रिया में है। अब तक कई कुएं प्रशासन खुदाई करके ढूंढ चुका है। फिलहाल शाही जामा मस्जिद (हिंदू पक्ष के अनुसार हरिहर मंदिर) से कुछ दूरी पर प्राचीन कूप की खुदाई चल रही है। प्रशासन की मौजूदगी में कुछ लोग कुएं की खुदाई कर रहे हैं। संभल नगर निगम के वार्ड मेंबर के मुताबिक, ये कूप संभल के 19 कूपों में से एक है। ये कूप पिछले कई सालों से आसपास के घरों का मलबा डाल बंद किया गया। अब नगर निगम इस कूप की खुदाई करवा रहा है, ताकि इस प्राचीन कप को एक बार फिर से पुनर्जीवन किया जाए।

स्थानीय लोगों ने अनुसार मृत्यु कूप के बगल में प्राचीन मृत्युंजय महादेव मंदिर भी हुआ करता था। स्थानीय लोगों का दावा है कि बड़े बुजुर्ग ऐसा बताते थे कि ये प्राचीन मृत्युंजय महादेव मंदिर संभल के तीर्थ में से एक था, लेकिन आज सिर्फ उसकी कुछ दीवारें ही नजर आ रहे हैं। फिलहाल लोगों में प्राचीन कूप की खुदाई को लेकर खुशी है।

यह भी पढ़ें:

कांग्रेस के पोस्टर में कश्मीर गयाब, संयोग नहीं वोट बैंक का उद्योग!

Ind Vs Aus: ऑस्ट्रेलिया के सैम कोनस्टास और कोहली बीच मैदान पर भिड़े!

Maharashtra: भाषा​ को लेकर मराठवाड़ा के 8 में से 6 जिलों में स्थिति गंभीर​!

मृत्यु कूप की खुदाई शुरू हुई तो हिंदू परिवार अब यहां पूजा करने पहुंचे हैं। बुजुर्गों का कहना है कि वो अपने बचपन में यही पूजा करते थे, लेकिन फिर कूप बंद हो गया। अब कूप फिर खुल रहा है इसलिए यहां पूजा करने आए हैं। हिंदुओं ने कहा है कि उनके तीर्थ और संभल के इतिहास को दबाने की इससे पहले की सरकारों ने कोशिश की थी। आज संभल और उसके तीर्थ पूरे देश के सामने आ रहे हैं।

यह भी देखें:

Exit mobile version