ड्रैगन ​पर ​दर्जन​ भर देशों ने कसा शिकंजा

चीन के खौफनाक एजेंडे का हुआ पर्दाफाश​ ,राजनीतिक हितों को साधने के लिए कर रहा था काम​

ड्रैगन ​पर ​दर्जन​ भर देशों ने कसा शिकंजा

ड्रैगन पर अमेरिका सहित लगभग दर्जन पर देशों ने अब चीन पर शिकंजा कसना शुरू दिया है| ​चीन की कम्‍युनिस्‍ट सरकार का एजेंडा को आगे बढ़ाने का काम करते हैं। हाल के कुछ वर्षों में इस तरह के संस्‍थानों की गिनती बढ़ी है और साथ ही इन पर शिकंजा कसने वाले देशों की संख्‍या भी बढ़ी है। ये संस्‍थान पूरी तरह से चीन के नियंत्रण में रहते हुए अपने काम को अंजाम देते हैं। ये अपनी आइडियोलाजी की मार्केटिंग करने का काम बेहद खामोशी से करते हैं।

​वर्ष 2004 से चीन ने इस तरह के संस्‍थानों की दुनिया के कई देशों में बाढ़ सी ला दी है। इनमें अधिकतर टीचर और किताबें इनकी ही होती हैं। इसी क्रम में  उसने इंटरनेशनल एजुकेशन फाउंडेशन की शुरुआत की थी। वर्ष 2017 में नेशनल एसोसिएशन आफ स्‍कॉलर ने आउटसोर्स टू चाइना शीर्षक से एक रिपोर्ट भी जारी की थी, जिसमें बताया गया है कि  विश्‍व के करीब 113 देशों में चीन के इस तरह के संस्‍थान काम कर रहे हैं।

गौरतलब है कि ​अकेले अमेरिका में ही इस तरह के करीब 24 संस्‍थानों का जिक्र जनवरी 2022 में किया गया था। इनमें से चार को अमेरिका पहले ही बंद कर चुका है।​ चीन संचालित कुछ संस्‍थानों ने शिकंजा कसता देख अपनी वेबसाइट पर फिलहाल रोक लगा दी है। वही​ एक​ रिपोर्ट में कहा गया है कि करीब सौ संस्‍थानों को अब तक अमेरिका में बंद किया जा​ चुका​ है।

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