24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। रिपोर्ट में ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर शेयर मैनिपुलेशन जैसे आरोप लगाए गए थे। रिपोर्ट के बाद ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली थी। शुक्रवार यानी 3 फरवरी को अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 1000 रुपए के करीब पहुंच गया था। हालांकि, बाद में इसमें रिकवरी आई।
सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी शुक्रवार को अडाणी ग्रुप के खिलाफ हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से जुड़ी दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। दरअसल एडवोकेट एमएल शर्मा और विशाल तिवारी की दायर जनहित याचिकाओं में दावा किया गया है कि अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग ने अडाणी के शेयरों शॉर्ट सेल किया जिससे ‘निवेशकों को भारी नुकसान’ हुआ।
तिवारी ने कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने देश की छवि को धूमिल किया है। यह अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रहा है। वहीं शर्मा की याचिका में दावा किया गया है कि रिपोर्ट पर मीडिया प्रचार ने बाजारों को प्रभावित किया, और हिंडनबर्ग के फाउंडर नाथन एंडरसन भी भारतीय नियामक सेबी को अपने दावों का प्रमाण देने में विफल रहे। एडवोकेट ने चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने मामले की अर्जेंट लिस्टिंग की अपील की थी।
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