आखिरकार वही हुआ जो ममता बनर्जी चाहती थी,अलपन हुए रिटायर

अलपन बने सीएम के मुख्य सलाहकार, ये होंगे मुख्य सचिव  

आखिरकार वही हुआ जो ममता बनर्जी चाहती थी,अलपन हुए रिटायर

कोलकाता। आख़िरकार वही हुआ जो ममता बनर्जी चाहती थी। यह तभी तय हो गया था जब ममता बनर्जी के साथ पीएम की बैठक में बंगाल के मुख्य सचिव आधे घंटे देर से पहुंचे थे। पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली बुलाए जाने के बाद खड़े हुए विवाद के बीच सोमवार को वे रिटायर हो गए और इसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें अपना मुख्य सलाहकार नियुक्त कर लिया। बंदोपाध्याय के रिटायर होने के बाद एच के द्विवेदी को पश्चिम बंगाल मुख्य सचिव बनाया गया है।
बता दें कि केंद्र सरकार ने शुक्रवार को उनके दिल्ली ट्रांसफर का आदेश जारी किया गया था।आदेश में कहा गया था कि वे सोमवार को सुबह 10 बजे केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के दफ्तर में रिपोर्ट करें,लेकिन अलपन ने केंद्र के आदेश को नकारते हुए सीएम ममता बनर्जी के साथ बैठक की।वहीं, इससे पहले ममता बनर्जी ने केंद्र के आदेश को असंवैधानिक बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर यह आदेश वापस लेने का अनुरोध किया था। बनर्जी ने कहा था कि उनकी सरकार बंदोपाध्याय को कार्यमुक्त नहीं कर रही है। बनर्जी ने प्रधानमंत्री को भेजे पांच पन्नों के पत्र में, मुख्य सचिव को तीन माह का सेवा विस्तार दिए जाने के बाद, उन्हें वापस बुलाने के केंद्र सरकार के फैसले पर पुन विचार करने का अनुरोध किया था। बनर्जी ने कहा कि वह केंद्र के फैसले से स्तब्ध हैं। उन्होंने आदेश को एकपक्षीय करार दिया जो राज्य सरकार से बिना कोई परामर्श किए जारी किया गया।

बता दें कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यास चक्रवात से हुए बंगाल में नुकसान का जायजा लेने पहुंचे थे। इस दौरे के दौरान हुई एक समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बंगाल के मुख्य सचिव अलपन के देरी से पहुंचने के बाद विवाद शुरू हो गया था। केंद्रीय मंत्रियों से लेकर बीजेपी नेताओं तक ने ममता बनर्जी पर हमला बोला था। बाद में केंद्र सरकार ने मुख्य सचिव अलपन का ट्रांसफर दिल्ली कर दिया था। लेकिन ममता बनर्जी ने उन्हें दिल्ली भेजने पर राजी नहीं हुई।जानकारी के अनुसार ,बंदोपाध्याय को तीन महीने का कार्यकाल विस्तार मिला था, जिसे खारिज करते हुए उन्होंने रिटायरमेंट का फैसला लिया। वहीं, केंद्र सरकार ने उन्हें प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली रिपोर्ट करने का आदेश दिया था। लेकिन वे दिल्ली नहीं गए और सीएम के साथ  बैठक कर रहे थे। आदेश का अवहेलना करने पर केंद्र द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई करने पर विचार कर रहा  था इससे पहले ही उन्होंने रिटायरमेंट का फैसला ले लिया।

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