नई दिल्ली। एनसीपीसीआर ने अब राहुल गांधी के ट्विटर अकाउंट के बाद फेसबुक से इंस्टाग्राम प्रोफाइल पर कार्रवाई करने के लिए कहा है। राहुल ने इंस्टाग्राम पोस्ट में 9 साल की पीड़ित परिवार की पहचान उजागर की थी।ट्विटर लॉक होने के बाद राहुल इंस्टाग्राम पर सक्रिय थे।
बता दें कि दिल्ली से सटे एक गांव की बच्ची के साथ कथित रेप के बाद हत्या कर दी गई थी। इसके बाद राहुल गांधी ने पीड़ित परिवार से मिलकर एक तस्वीर ट्वीट की थी, जिससे परिवार की पहचान उजागर हो गई थी। वहीं,राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने पर स्वतः संज्ञान लेते हुए ट्विटर को राहुल गांधी के अकाउंट पर कार्रवाई करने को कहा था। इसके बाद ट्विटर ने राहुल के ट्वीट को हटा दिया था। पहले अस्थाई रूप से राहुल के अकाउंट को ब्लॉक किया गया उसके बाद पूरी तरह लॉक कर दिया गया।
जिसके विरोध में कांग्रेस के नेताओं ने कानून की धज्जियां उड़ाते हुए रेप पीड़ित परिवार की तस्वीर शेयर कर राहुल गांधी का समर्थन थे। जिस पर ट्विटर ने उन नेताओं के अकाउंट को लॉक कर दिया। कांग्रेस के नेता रेप पर राजनीति तो कर ही रहे हैं, कानून की धज्जियां भी उड़ा रहे हैं। कौन कहता है कि कांग्रेस रेप पर राजनीति करती। यह खुलेआम कांग्रेस कानून को चुनौती दे रही है।
We have received a complaint regarding the uploading of a video on Instagram which revealed the identity of the parents (of a minor girl raped-murdered in Nangal, Delhi). We wrote to Instagram to take corrective action: NCPCR Chief Priyank Kanoongo to ANI
-ANI,@ANI
इंस्टाग्राम पर वीडियो मिला: फेसबुक को लिखे पत्र में बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कहा कि उन्हें गांधी के इंस्टाग्राम प्रोफाइल पर पोस्ट किया गया वीडियो मिला है, जिसमें पीड़ित नाबालिग लड़की के परिवार की पहचान का खुलासा किया गया है। इस वीडियो में मृतक लड़की के पिता और मां के चेहरे साफ देखे जा सकते हैं, जो कानून के निर्धारित प्रावधानों का उल्लंघन है। एनसीपीसीआर ने फेसबुक से किशोर न्याय अधिनियम, 2015, यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम, 2012 और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के उल्लंघन पर गांधी के इंस्टाग्राम प्रोफाइल के खिलाफ उचित कार्रवाई करने के लिए कहा है।
यह है कानून: किशोर न्याय अधिनियम, 2015 की धारा 74, मीडिया के किसी भी रूप में पीड़ित बच्चे की पहचान के खुलासे को प्रतिबंधित करती है। पोक्सो अधिनियम, 2012 की धारा 23 में यह भी कहा गया है कि बच्चे की कोई भी जानकारी या फोटो किसी भी रूप में प्रकाशित नहीं की जानी चाहिए। POCSO अधिनियम की धारा 23 के तहत इस जानकारी में उसका नाम, पता, फोटो, परिवार का विवरण, स्कूल, पड़ोस या कोई अन्य विवरण शामिल है जिससे बच्चे की पहचान का खुलासा हो सकता है। इसलिए नाबालिग पीड़िता के परिवार के वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म-इंस्टाग्राम पर पोस्ट करना आयोग द्वारा किशोर न्याय अधिनियम, 2015 की धारा 74, POCSO अधिनियम, 2012 की धारा 23, धारा 228A का उल्लंघन माना गया है।
एनसीपीसीआर ने कहा है कि आईपीसी और माननीय न्यायालय के दिशा-निर्देश के मद्देनजर आयोग इस मामले में सीपीसीआर अधिनियम, 2005 की धारा 13 (1) और धारा 14 के तहत नोटिस के तहत स्वत: संज्ञान लेना उचित समझता है। इसके साथ ही एनसीपीसीआर ने आगे जोड़ा कि जेजे अधिनियम, 2015, पॉक्सो अधिनियम, 2012 और आईपीसी के प्रावधानों के उल्लंघन और मंच से इंस्टाग्राम वीडियो को हटाने के लिए राहुल गांधी के इंस्टाग्राम प्रोफाइल के खिलाफ उचित कार्रवाई करने के लिए इंस्टाग्राम वीडियो के लिंक को आगे भेजा जा रहा है।