ओवैसी ने किया PFI पर प्रतिबंध का विरोध​, केंद्र​​ ​पर​ साधा​ निशाना !

एआईएमआईएम प्रमुख ने केंद्र पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि ​ख्वाजा अजमेरी ब्लास्ट संगठन पर अभी ​भी ​पाबंदी​ नहीं लगाया है? तो, वही प्रश्न उठता है कि PF​ ​I​ क्यों ?

ओवैसी ने किया PFI पर प्रतिबंध का विरोध​, केंद्र​​ ​पर​ साधा​ निशाना !

Owaisi opposes ban on PFI, targets Center and Congress

एआईएमआईएम (​AIMIM​) नेता असदुद्दीन ओवैसी ने प्रतिक्रिया दी है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर प्रतिबंध का समर्थन नहीं किया जा सकता है। मैंने हमेशा पीएफआई के दृष्टिकोण का विरोध किया है। ओवैसी ने ट्वीट कर केंद्र सरकार के फैसले पर अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा है कि लोकतांत्रिक मूल्यों का समर्थन किया गया है।

​वही ​एआईएमआईएम प्रमुख ने केंद्र पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि ​ख्वाजा अजमेरी ब्लास्ट संगठन पर अभी ​भी ​पाबंदी​ नहीं लगाया है? तो, वही प्रश्न उठता है कि PF​ ​I​ क्यों ? ​ओवैसी ने सवाल उठाते हुए कहा कि ​सरकार ने दक्षिणपंथी संगठनों पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया? पीएफआई के खिलाफ ‘यूएपीए’ एक्ट के तहत कार्रवाई किए जाने के बाद ओवैसी ने इस एक्ट में संशोधन को लेकर कांग्रेस और सत्तारूढ़ भाजपा​ ​पर निशाना साधा है|​ ​

कांग्रेस ने ‘यूएपीए’ अधिनियम में संशोधन किया और उसे कड़ा किया। भाजपा ने भी कानून में संशोधन किया और कांग्रेस से इसे और सख्त बनाया। ओवैसी ने कल्पना मामले का उदाहरण देते हुए कहा कि इस कानून के चलते किसी भी कार्यकर्ता या पत्रकार को गिरफ्तार होने के बाद जमानत के लिए इंतजार करना होगा|

गौरतलब है कि ​पीएफआई संगठन को केंद्र सरकार ने अ​​वैध संगठन घोषित किया है। एसोसिएशन को अगले पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जानकारी दी है कि पीएफआई की स्थापना करने वाले कुछ सदस्य ‘स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया’ यानी ‘सीएमआई’ के सदस्य हैं। यह भी पता चला है कि यह संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) से जुड़ा है।

​पीएफआई के साथ-साथ केंद्र सरकार ने ‘रिहैब इंडिया फाउंडेशन’, ‘कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया’, ‘ऑल इंडिया इमाम काउंसिल’, ‘नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन’, ‘नेशनल वुमन फ्रंट’, ‘जूनियर फ्रंट’ की स्थापना की है। एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन’।’ (केरल) इन संगठनों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
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