इस दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना की जांच तेजी से चल रही है, और अहमदाबाद के एक किशोर आर्यन असारी द्वारा बनाया गया वीडियो अब इस जांच का संभावित टर्निंग पॉइंट माना जा रहा है। 12वीं कक्षा में पढ़ने वाला आर्यन महज़ उत्सुकतावश अपने घर की छत से विमान का वीडियो बना रहा था, जिसमें विस्फोट और विमान की असामान्य गतिविधियों के दृश्य रिकॉर्ड हुए।
वीडियो से मिले अहम तकनीकी संकेत: वीडियो में देखा गया कि विमान का रैम एयर टर्बाइन (RAT) नीचे की ओर था, जो यह संकेत देता है कि विमान की विद्युत प्रणाली में आपात स्थिति उत्पन्न हो चुकी थी। यह निष्कर्ष हादसे में जीवित बचे एकमात्र यात्री विश्वास कुमार रमेश के बयान से भी मेल खाता है। विश्वास ने बताया कि एक तेज धमाके के साथ बिजली चली गई थी और केबिन में हरी रोशनी दिखाई दी थी। उसी क्षण पायलट द्वारा ‘मेडे’ कॉल की गई।
जांचकर्ताओं के अनुसार, अगर आरएटी सक्रिय था, तो यह इंजन फेलियर, हाइड्रोलिक सिस्टम की गड़बड़ी या विद्युत विफलता का संकेत हो सकता है। हालांकि, इस बात की पुष्टि ब्लैक बॉक्स डेटा से होगी, जो पहले ही बरामद किया जा चुका है।
फ्यूलिंग में देरी, गियर और फ्लैप में संभावित चूक: सूत्रों के अनुसार, विमान में ईंधन भरने में सामान्य से अधिक 42 मिनट का समय लगा था। कुछ विशेषज्ञ इसे सामान्य मानते हैं, जबकि कुछ इसे उपकरण में गड़बड़ी से जोड़ रहे हैं। इसके अलावा, टेकऑफ के समय फ्लैप और लैंडिंग गियर की स्थिति भी संदेह के घेरे में है।
वीडियो में देखा गया कि विमान टेकऑफ के बाद भी लैंडिंग गियर ऊपर नहीं खींचा गया था, जो संभावित रूप से कॉकपिट में अलार्म और हताशा की स्थिति का संकेत है। विशेषज्ञ मानते हैं कि इस स्थिति में पायलट का नोज उठाने का प्रयास केवल विमान को हवा में बनाए रखने की कोशिश हो सकती है।
आर्यन की मानसिक स्थिति, परिवार और पृष्ठभूमि: वीडियो बनाने वाला किशोर आर्यन हादसे के सदमे से अब तक बाहर नहीं निकल पाया है। वह हादसे के दिन ही अपने पिता से मिलने अहमदाबाद आया था। आर्यन के पिता भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हैं और वर्तमान में अहमदाबाद मेट्रो में सुरक्षाकर्मी के तौर पर कार्यरत हैं।
जांच में शामिल हर पहलू: नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने स्पष्ट किया है कि जांच किसी एक सुराग या स्रोत पर आधारित नहीं होगी, बल्कि हर पहलू की गंभीरता से समीक्षा की जाएगी। फिर भी, आर्यन का वीडियो एक अहम सहायक साक्ष्य के रूप में जांच एजेंसियों के लिए उपयोगी साबित हो सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि विमान दुर्घटनाएं आमतौर पर कई तकनीकी विफलताओं के संयोग से होती हैं, और यह हादसा भी शायद उसी श्रेणी में आता है।
जनगणना अधिसूचना जारी, 35 लाख+ कर्मी डिजिटल माध्यम से 16 भाषाओं में जुटेंगे!



