एयर इंडिया विमान हादसा: दो बार बदले गए थे फ्यूल कंट्रोल स्विच मॉड्यूल!

बोइंग और FAA का दावा-डिज़ाइन सुरक्षित

एयर इंडिया विमान हादसा: दो बार बदले गए थे फ्यूल कंट्रोल स्विच मॉड्यूल!

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12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रहे एयर इंडिया के बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर (VT-ANB) विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की जांच में रिपोर्ट में खुलासे के बाद सभी नजरें विमान के फ्यूल कंट्रोल स्विच मॉड्यूल की कार्यक्षमता पर लगी है। एयर इंडिया ने फ्यूल कंट्रोल स्विच को नियंत्रित करने वाले Throttle Control Module (TCM) को इस विमान में दो बार बदला था— एक बार 2019 में और फिर 2023 में। इसके बावजूद उड़ान के ठीक बाद फ्यूल कटऑफ स्विच अचानक सक्रिय हो गए, जिससे दोनों इंजन बंद हो गए।

TCM यानी Throttle Control Module वह महत्वपूर्ण यूनिट है जिसमें फ्यूल कंट्रोल स्विच भी शामिल होता है। बोइंग के 2019 के मेंटेनेंस प्लानिंग डॉक्युमेंट के अनुसार, यह यूनिट हर 24,000 फ्लाइट घंटों के बाद बदली जानी होती है। एयर इंडिया ने इस नियमानुसार यह बदलाव किया था। लेकिन AAIB (Aircraft Accident Investigation Bureau) की प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया है कि इन बदलावों का दुर्घटना से कोई ज्ञात संबंध नहीं है।

AAIB की रिपोर्ट और क्रैश से प्राप्त कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डिंग के अनुसार, टेकऑफ के तुरंत बाद पायलटों ने देखा कि दोनों फ्यूल कंट्रोल स्विच “CUTOFF” पोज़िशन में चले गए थे, जिससे इंजन बंद हो गए। रिकॉर्डिंग में पाया गया की एक पायलट ने पूछा, “तुमने फ्यूल क्यों बंद किया?” तो दूसरे पायलट ने जवाब दिया, “मैंने नहीं किया।” कुछ सेकंड के लिए दोनों इंजन फिर से चले, लेकिन उसके बाद दोबारा बंद हो गए। विमान ज़मीन से पर्याप्त ऊँचाई नहीं ले सका और कुछ ही मिनटों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में 260 लोगों की मौत हुई — 241 यात्री व क्रू, और 19 लोग ज़मीन पर।

हादसे की जांच रिपोर्ट के जारी होने के बाद अमेरिकी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने 11 जुलाई को एक Continued Airworthiness Notification जारी किया। इस दस्तावेज़ में स्पष्ट कहा गया कि फ्यूल कंट्रोल स्विच का डिज़ाइन सुरक्षित है और इसमें कोई “अनसेफ कंडीशन” नहीं पाई गई। इसलिए कोई अनिवार्य एयरवर्थीनेस डायरेक्टिव ज़रूरी नहीं है।

बोइंग ने भी FAA की बात को दोहराते हुए ग्लोबल 787 ऑपरेटरों को भेजे Multi-Operator Message में लिखा कि कोई तात्कालिक कार्रवाई की आवश्यकता नहीं है। गौरतलब है कि 2018 में FAA ने फ्यूल कटऑफ स्विच के लॉकिंग मैकेनिज़्म की जांच की सिफारिश की थी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ये स्विच गलती से ना मूव हो जाएं। लेकिन यह सिफारिश अनिवार्य नहीं थी। एयर इंडिया ने यह जांच नहीं करवाई थी, लेकिन AAIB की रिपोर्ट में कहा गया है कि एयर इंडिया ने सभी लागू एयरवर्थीनेस निर्देशों और सर्विस बुलेटिन्स का पालन किया था।

अब भी यह स्पष्ट नहीं है कि टेकऑफ के तुरंत बाद फ्यूल कंट्रोल स्विच CUTOFF में कैसे चले गए। क्या यह तकनीकी खामी थी, मैन्युअल गलती, या फिर इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम फेल्योर — इस पर अंतिम निष्कर्ष पूर्ण जांच रिपोर्ट में ही सामने आएगा, जिसकी प्रतीक्षा आगामी महीनों में की जा रही है।

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