एयर इंडिया हादसे से चार हफ्ते पहले ही ब्रिटेन ने बोइंग के फ्यूल स्विच पर दी थी चेतावनी !

मगर AAIB की रिपोर्ट बताती है कि एयर इंडिया ने 2018 में FAA द्वारा दी गई सलाह के अनुसार फ्यूल कटऑफ स्विच की लॉकिंग प्रणाली की जांच नहीं की थी।

एयर इंडिया हादसे से चार हफ्ते पहले ही ब्रिटेन ने बोइंग के फ्यूल स्विच पर दी थी चेतावनी !

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भारत में एयर इंडिया के एक बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान के हादसे से केवल चार हफ्ते पहले, ब्रिटेन की सिविल एविएशन अथॉरिटी (UK CAA) ने फ्यूल कंट्रोल स्विच को लेकर चेतावनी जारी करते हुए बोइंग विमानों की सुरक्षा जांच के निर्देश दिए थे। इस खुलासे के बाद विमान सुरक्षा और निगरानी तंत्र पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं।

UK CAA ने 15 मई को एक सुरक्षा नोटिस जारी किया था जिसमें बोइंग के पांच मॉडलों — B737, B757, B767, B777 और B787 — पर लगाए गए फ्यूल शटऑफ वाल्व एक्ट्युएटर में संभावित खराबी को लेकर चेताया गया था। यह चेतावनी अमेरिकी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) द्वारा जारी किए गए एयरवर्थिनेस डायरेक्टिव (AD) के आधार पर दी गई थी, जो अमेरिका में किसी भी विमान के अंदर पाई गई असुरक्षित स्थिति को ठीक करने के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी आदेश होता है।

UK CAA के नोटिस में कहा गया था, “FAA ने एक एयरवर्थिनेस डायरेक्टिव (AD) जारी किया है जो बोइंग के B737, B757, B767, B777 और B787 विमानों में लगे फ्यूल शटऑफ वाल्व्स को लेकर संभावित असुरक्षित स्थिति को संबोधित करता है।” गौरतलब है कि फ्यूल शटऑफ वाल्व वह सुरक्षा उपकरण होता है जो इंजन तक जाने वाले ईंधन को बंद करता है—यह आमतौर पर रखरखाव, इंजन में आग लगने या आपातकालीन लैंडिंग की स्थिति में प्रयोग में लाया जाता है।

ब्रिटिश नियामक ने विमानन कंपनियों को यह निर्देश दिया था कि वे बोइंग 787 समेत अन्य प्रभावित मॉडलों पर लगे फ्यूल शटऑफ वाल्व एक्ट्युएटर्स की जांच, परीक्षण या बदलाव अवश्य करें, और यह जांच रोज़ाना की जानी चाहिए।

एयर इंडिया विमान हादसे के बाद जब भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने एयर इंडिया के हादसे की प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की, तो उसमें भी यही बात सामने आई कि उड़ान भरने के कुछ ही क्षणों बाद दोनों इंजनों के फ्यूल कंट्रोल स्विच अचानक ‘CUTOFF’ मोड में चले गए, जिससे दोनों इंजन बंद हो गए और विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

हालांकि FAA ने 11 जुलाई को एक ताजा अधिसूचना में कहा कि फ्यूल कंट्रोल स्विच के डिजाइन में कोई सुरक्षा खतरा नहीं है, और बोइंग ने भी यही रुख अपनाया है। मगर ब्रिटेन की एजेंसी इससे सहमत नहीं दिख रही थी और उसने पहले ही तत्काल जांच और अनुपालन की अनिवार्यता घोषित कर दी थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, एयर इंडिया ने फ्यूल कंट्रोल स्विच को नियंत्रित करने वाले Throttle Control Module (TCM) को 2019 और 2023 में बदल दिया था। यह प्रक्रिया बोइंग की तय रखरखाव प्रणाली के तहत की गई थी।

मगर AAIB की रिपोर्ट बताती है कि एयर इंडिया ने 2018 में FAA द्वारा दी गई सलाह के अनुसार फ्यूल कटऑफ स्विच की लॉकिंग प्रणाली की जांच नहीं की थी। एयरलाइन ने तर्क दिया कि चूंकि यह सलाह अनिवार्य नहीं थी, इसलिए उन्होंने वह जांच नहीं करवाई।

वहीं एयर इंडिया के CEO कैम्पबेल विल्सन ने एक आंतरिक संचार में कहा कि जांच की शुरुआती रिपोर्ट में “कोई ठोस कारण या सिफारिश नहीं दी गई है”, और साथ ही उन्होंने किसी पर दोष लगाने से पहले संयम बरतने की अपील की है। हादसे से पहले ही तकनीकी खामी की चेतावनी जारी हो चुकी थी, फिर भी उस पर पूरी तरह अनुपालन न किया जाना विमान सुरक्षा मानकों की गंभीर चूक की ओर इशारा करता है। अब देखना यह होगा कि इस मामले में आगे कौन जिम्मेदार ठहराया जाएगा—निर्माता, नियामक या एयरलाइन।

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