28 C
Mumbai
Friday, September 20, 2024
होमदेश दुनियाहाथरस के हींग और अलीगढ़ के ताले को मिला GI टैग

हाथरस के हींग और अलीगढ़ के ताले को मिला GI टैग

हाथरस 100 साल से भी अधिक समय से हींग के व्यापार का केंद्र रहा है।

Google News Follow

Related

बनारस के विश्व प्रसिद्ध बनारसी पान और लंगड़ा आम को हाल ही में जीआई टैग मिला था। इसी क्रम में अब हाथरस में उगाई जाने वाली हींग को भी जीआई टैग मिल गया है। जीआई टैग या भौगोलिक संकेत टैग एक संकेत है। वर्ल्ड इंटलैक्चुअल प्रापर्टी आर्गेनाइजेशन के अनुसार जियोग्राफिकल इंडिकेशंस टैग एक प्रकार का लेबल होता है, जिसमें किसी उत्पाद को विशेष भौगोलिक पहचान ज्योग्राफिकल इंडिकेशन रजिस्ट्री द्वारा दी जाती है।

गौर करनेवाली बात यह है कि हाथरस 100 साल से भी अधिक समय से हींग के व्यापार का केंद्र रहा है। हींग भारत में व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला मसाला है। प्याज और लहसुन खाने से बचने वाले लोग ज्यादातर लोग हिंग का सेवन करते है। उद्योग नगरी के रूप में हाथरस की पहचान कई दशक से है। इसे हींग नगरी व रंग नगरी के नाम से जाना जाता रहा है। अनुमान है कि यहां हिंग प्रोसेसिंग यूनिटों में करीब 1500 लोग काम करते हैं। हालांकि, अफगानिस्तान में कच्ची हींग का उत्पादन होता है। वहां से आयातित असली हींग के पानी को संसाधित कर खाने योग्य बनाया जाता है और ऐसा देश में केवल हाथरस में ही किया जाता है।

हिंग के अलावा अलीगढ़ के ताले को भी जीआई टैग मिला है। दरअसल अलीगढ़ में आजादी के पहले से तालों का निर्माण होता आ रहा है। यहां हाथों से बने ताले देश और दुनिया में पहचान बनाने में सफल हुए। भारत के इकलौते शहर अलीगढ़ में बने तालों को चीन सहित अन्य देशों के बने ताले टक्कर देने का प्रयास करते हैं। मगर, यहां हाथों से बने ताले जैसा किसी देश का नहीं होता।

ये भी देखें 

बनारसी पान और लंगड़ा आम को मिला GI Tag, जानिए इसके फायदे

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,379फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
178,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें