अमेरिका: बाल्टीमोर ब्रिज दुर्घटना; थर्मल कोयला निर्यात पर संकट के बादल? 

इस घटना से आर्क कोल के शिपमेंट के प्रतिबंधित होने और भारतीय आयातकों के लिए गंभीर रूप से रसद समस्याओं का भी सामना करने की आशंका जताई जा रही है| 

अमेरिका: बाल्टीमोर ब्रिज दुर्घटना; थर्मल कोयला निर्यात पर संकट के बादल? 

America: Is there a cloud of crisis over thermal coal exports due to the Baltimore Bridge accident?

अमेरिका के बाल्टीमोर पोर्ट से कंटेनर से भरा मालवाहक जहाज श्रीलंका आ रहा था, लेकिन जैसे वह बाल्टीमोर में फ्रांसिस स्कॉट पुल से गुजर रहा था नदी के पुल से जा टकराया| इस घटना से बाल्टीमोर फ्रांसिस स्कॉट पुल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया| इस पुल के ढहने से अमेरिकी थर्मल कोयले का एक प्रमुख आयातक भारत को कठिनाइयों का सामना पड़ेगा| वही इस घटना से आर्क कोल के शिपमेंट के प्रतिबंधित होने और भारतीय आयातकों के लिए गंभीर रूप से रसद समस्याओं का भी सामना करने की आशंका जताई जा रही है| 

बता दें कि अमेरिका के बाल्टीमोर में फ्रांसिस स्कॉट पुल के ढहने की आवाज पूरे भारतीय कोयला और पेटकोक बाजारों में सुनाई दे रही है। इससे सुचारु रूप आपूर्ति समस्याओं और मूल्यों पर असर पड़ने की गंभीर चुनौती उत्पन्न हो गयी है। अमेरिकी थर्मल कोयले का एक प्रमुख आयातक भारत की अब पुल ढहने के बाद अपनी आपूर्ति के लिए चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। 

गौरतलब है कि बाल्टीमोर बंदरगाह, अमेरिकी थर्मल कोयला निर्यात के लिए एक प्रमुख लोडिंग स्थान है। यह भारत की ऊर्जा मांगों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।यही नहीं बाल्टीमोर पुल के ढहने से भारत के लिए आपूर्ति शृंखला में कई समस्याएं पैदा करेगी। यूरोप में थर्मल कोयले पर इसका असर पड़ेगा। भारत पर इसका बड़ा प्रभाव पड़ेगा। 

वही दूसरी ओर बाल्टीमोर में फ्रांसिस स्कॉट पुल के ढहने से पूरी तरह आयात ठप्प पड़ गया है| जैसा की अनुमान लगाया जा रहा है इसी क्रम में  एक भारतीय व्यापारी ने कहा, “अधिकारियों को यह आकलन करने में 6-7 दिन लगेंगे। क्योंकि अगर ड्राफ्ट कम है तो यह समस्या हो सकती है। अधिकारियों को मलबा हटाने में 10-15 दिन लग सकते हैं, इसलिए इसका मतलब है कि इस अवधि के दौरान जहाजों की आवाजाही नहीं होगी।

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